मुजफ्फरनगर

*जरूरतमन्दों को शेल्टर होम तक पहुंचाने में मदद करेगी पुलिस,जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी*

*जरूरतमन्दों को शेल्टर होम तक पहुंचाने में मदद करेगी पुलिस,जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी*

 

मुजफ्फरनगर – दिनांक 23 दिसंबर 2025 शीतलहर के बीच ऐसे लोग, जिनके पास ठहरने अथवा आश्रय की सुविधा नहीं है, ऐसे लोगों को रैन बसेरों में आश्रय मिलेगा। इसके लिये जिला प्रशासन द्वारा सभी थानाध्यक्षों व क्षेत्राधिकारियों के साथ डाॅयल 112 पर तैनात पुलिसकर्मियों को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है कि रात्रि में गश्त के दौरान उन्हें कोई व्यक्ति ऐसा मिलता है, जिनके पास रात्रि में आश्रय की सुविधा नहीं है, उन्हें निकटतम रैन बसेरे में पहुंचाया जाये, ताकि कोई भी व्यक्ति रात्रि में खुले में अथवा फुटपाथ पर सोने के लिये बाध्य न हो। यह जानकारी देते हुये अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि इस सम्बन्ध में पुलिस विभाग को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि सभी थानो व अधिकारियों को रैन बसेरों की सूची उपलब्ध करा दी गयी है। नगर क्षेत्र में टाउन हाॅल व रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरे स्थापित हैं। मीरापुर, जानसठ, खतौली, बुढाना, पुरकाजी, सिसौली, चरथावल, भोकरहेडी व शाहपुर में पालिका/नगर पंचायत कार्यालयों में रैन बसेरे स्थापित किये गये हैं, जहां जरूरतमन्दों को रात्रि विश्राम की सुविधा दी गयी है।
24 घंटे एक्टिव मोड में चलेगा कन्ट्रोल रूम
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित इमरजेन्सी आॅपरेशन सेन्टर में हैल्पलाईन नंबर 1077, 9412210080 व 0131-2433023 पर मदद मांगी जा सकती है। उन्होनें बताया कि ठण्ड में किसी प्रकार की कोई क्षति न हो, इसके लिये यह हैल्पलाईन 24 घंटे सक्रिय रहेगी।
जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने दी सलाह
पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू होने के बाद अब जनपद में ठण्ड बढने की आंशका बढ गयी है। कडाके की सम्भावित ठंड के मद्देनजर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जनपद के लोंगो को सलाह दी है कि वह शीतलहर से बचाव के लिए तैयारी रखे ताकि जान माल के नुकसान से बचा जा सके। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि पर्याप्त सर्दियों के कपड़े पहने। कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती है। आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें। शीतलहर के दौरान फ्लू, बहती हुई नाक या नाक से खून जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण हो जाती है या बढ़ जाती है। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
उन्होनें बताया कि जितना हो सके घर के अंदर रहे और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। भारी कपड़ों की एक परत के बजाय ढीले फिटिंग, हल्के, विंडप्रूफ गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहने। टाइट कपड़े ब्लड सर्कुलेशन को कम करते हैं। दस्ताने पहने क्योंकि दस्ताने ठंडक से गर्मी और इंसुलेशन प्रदान करते हैं क्योंकि उंगलियां अपनी गर्मी साझा करती हैं और ठंड के लिए कम सतह क्षेत्र को उजागर करती है। ठंडक से बचने के लिए टोपी और मफलर का प्रयोग करें। शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार ले। नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पियें, क्योंकि गर्म पेय पदार्थ ठंडक से लड़ने के लिए शरीर को गर्मी प्रदान करती है।
शीतलहर के संपर्क में आने पर हाथ पैर की उंगलियों, कानों और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेद या पीलापन दिखना, शीतलहर के लक्षण है जिसके प्रति सतर्क रहे। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कंपकंपी को नजरअंदाज ना करें। शीतलहर के प्रभाव का यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि यदि शरीर गर्मी खो रहा हो तो जल्द से जल्द घर के अंदर गर्म स्थान पर रहने का प्रयत्न करें।

 

 

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