*श्री राम कथा महोत्सव सप्तम दिवस – भक्त के लिए भगवान होते है सर्वोपरि -पाठक*
*श्री राम कथा महोत्सव सप्तम दिवस - भक्त के लिए भगवान होते है सर्वोपरि -पाठक*

सनातन धर्म सभा भवन में चल रहे श्री राम कथा महोत्सव के सातवें दिन कथा व्यास श्री बृजेश पाठक जी ने बताया कि वास्तव में भक्त वही हो सकता है जिसने निर्णय कर लिया है भगवान मेरे हैं और मैं भगवान का हूं मैंने भगवान का वरण कर लिया है और भगवान ने मेरा वरण कर लिया है इसके अलावा अब मुझे कोई भी वरणीय नहीं है !
भगवान के भक्त के लिए ,भगवान का संबंध पहले है शेष संसार के सारे संबंध बाद में है !अगर भगवान से संबंध रख कर कोई संबंध बनता है तो भक्त उसमें राजी है लेकिन भगवान को छोड़कर कोई संबंध बनता है तो भक्त के लिए उस संबंध की कोई कीमत नहीं है !
तुलसीदास जी ने रामायण में लिखा है वह संपत्ति वह घर वह परिवार जल जाना चाहिए जो भगवान की प्राप्ति में सहायक ना हो इसीलिए विभीषण ने सब कुछ छोड़ दिया लेकिन प्रभु राम को नहीं छोड़ा यह भक्त की निष्ठा है!
आज की कथा के मुख्य यजमान प्रवीण कुमार गुप्ता बैंक वालो ने सर्वप्रथम भगवान श्री राम का पूजन किया ! पूजन पंडित भुवनेश कपिल जी ने कराया तत्पश्चात मुख्य यजमान श्री प्रवीण गुप्ता जी ने महाराज श्री को तिलक लगाकर और माल्यार्पण कर अपना भाव समर्पित किया !
इनके अतिरिक्त आज महाराज श्री का अभिनंदन पूजन करने वालों में डॉक्टर रमेश चंद केडिया प्रेम प्रकाश एडवोकेट संतोष शर्मा रविंद्र कुमार गुप्ता एडवोकेट ईश्वर दयाल अग्रवाल डा देवेंद्र नाथ गुप्ता अजय गर्ग प्रवीण अरोड़ा एडवोकेट अरुण वर्मा एडवोकेट सुशील गोयल (मास्टर जी ) अजय तायल निगम साहब ((बीएसएनल वाले ) सतीश तायल जी कुलदीप मित्तलश्रवण कुमार तायल सीताराम जी श्री अमरीश जी आर्य पुरी वाले सुखदेव मित्तल एडवोकेट आदि ने कथा व्यास श्री बृजेश पाठक जी को माल्यार्पण कर स्वागत सम्मान किया
धर्म सैकड़ो धर्म प्रेमी महिलाओं एवं पुरुषों ने आज की कथा का श्रवण कर धर्म लाभ उठाया !
दीपक मित्तल
मंत्री
सनातन धर्म सभा (रजिस्टर्ड)
शहर मुजफ्फरनगर
१५-४-२०२४