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खरबों खर्च कर बना है ये भूतहा ब्रिज, सर्पीली सड़क घुसती है पानी के अंदर, पर लोग नहीं करते इस्तेमाल!

खरबों खर्च कर बना है ये भूतहा ब्रिज, सर्पीली सड़क घुसती है पानी के अंदर, पर लोग नहीं करते इस्तेमाल!

खरबों की लागत से दुनिया का एक बहुत ही खूबसूरत 55 किलोमीटर लंबा समुद्र के ऊपर बना ब्रिज बहुत ही कम इस्तेमाल होता है. रोचक बात यह है कि इसे दुनिया के तीन बहुत ही बड़े और मशहूर शहरों को जोड़ने के लिए बनाया गया था और इसका सफर बहुत ही खूबसूरत नजारों से भरपूर होता है. कहीं इसकी सड़क सांप की तरह हवा में लहराती है तो कभी पानी के अंदर सुरंग में चली जाती है. लेकिन इसके इस्तेमाल की वजहें बहुत ही अजीब सी हैं जिन्हें जानकर काफी हैरानी होती है.

हॉन्गकॉन्ग झुहाई मकाओ ब्रिज हॉन्गकॉन्ग,मकाओ और चीन को जोड़ने के लिए बनाया गया था. यह सर्पाकार सड़क और पानी के नीचे की सुरंग से मिल कर बना ब्रिज करीब 1582 खरब रुपयों की लागत से बना है. लेकिन इसके शुरू होने के बाद से ही बहुत ही कम लोग इस ब्रिज का उपयोग करते हैं.

55 किलोमीटर का यह ब्रिज हॉन्गकॉन्ग को झुहाई के दक्षिण शहरी इलाके और जुआ के लिए मशहूर इंटरनेशनल सिटी मकाओ को पर्ल नदी के मुहाने में जोड़ने का काम करता है. इसका मकसद इन तीनों शहरों को आर्थिक तौर पर एक कर जोड़ना था. इस ब्रिज से तीनों शहर में आने जाने में बहुत समय बचता है और इससे यातायात की कारगरता भी बढ़ती है.

इस ब्रिज की खूबसूरती वाकई लोगों को लुभाती है फिर कम ही लोग यहां से जाते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
लेकिन इंजीनियरिंग के इस नायाब नमूने का लोग इस्तेमाल नहीं करते हैं. इस शानदार और खूबसूरत नजारों से भरे सफर के लिए लोगों को दो हफ्तों के दस्तावेजी प्रक्रिया से गुजरना होता है. उन्हें हॉन्गकॉन्ग से क्लोज्ड रोड पर्मिट हासिल करना होता है, मकाओ की लायसेंस प्लेट हासिल करनी होती है, और मकाओ या चीन की कार इंश्योरेंस हासिल करना होता है.

इन सब प्रक्रियाओं में कम से कम 12 कार्यदिवसों का समय लगता है. बात केवल यहीं खत्म नहीं हो जाती है, अगर आपके पास सभी तरह के पर्मिट आ भी जाते हैं तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको ब्रिज में एंट्री मिल ही जाएगी क्योंकि इस ब्रिज में एक दिन में केवल 150 निजी कारों को ही प्रवेश की इजाजत है.

इतना ही नहीं आवेदक का हॉन्गकान्ग का स्थायी निवासी होने के साथ ही, मकओ का कर्मचारी भी होना जरूरी है. चीन की ओर जाने वालों को दो बार सीमा कंट्रोल से गुजरना होता है. ब्रिज में एक लेन हॉन्गकॉन्ग –मकाओ को जाता है तो एक चीन के लिए जाता है. इसलिए बीच में लेन बदलने की प्रक्रिया से गुजरना होना होता है. ब्रिज में कम गति सीमा भी है और सेंट्रल मकाओ पहुंच कर कार पार्क में काफी समय भी लगता है.

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