*शुकतीर्थ में नामदेव धर्मशाला में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन प्रसंग सुन श्रद्धालु झूमे*
*शुकतीर्थ में नामदेव धर्मशाला में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन प्रसंग सुन श्रद्धालु झूमे*

बुधवार 26 जुलाई 2023 को नामदेव धर्मशाला शुक्रताल मुजफ्फरनगर में कथा व्यास पंडित राधे कृष्ण रतूड़ी के पावन सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया , सर्व प्रथम आज के यजमान सुरेन्द्र कुमार बैंक वालो ने परिवार सहित पूजन कराया और रवींद्र कुमार एडवोकेट, चंद्रलेखा ,और बिजेन्द्र नामदेव ने सपत्नीक कथा व्यास जी को पटका पहनाया, और कथा व्यास जी ने आज की कथा का वर्णन करते हुए बताया की किस प्रकार मां पार्वती जी के द्वारा भगवान शिव के गले में पड़ी नरमुंडो की माला के विषय में भगवान शिव से पूछा तो शिव जी बताया की ये सभी नरमुंड तुम्हारे है तो मां पार्वती जी के रुष्ठ होने पर भगवान शिव जी ने उन्हे प्रसन्न करने के लिए अमरनाथ जी की अमर कथा सुनाई और बताया कि किस प्रकार कलयुग ने अपने आने की पहचान बताकर सोने में अपना वास करके राजा परीक्षित जी से किस प्रकार ऋषि मुनि जी का अपमान करवा कर ऋषि से 7 दिन पश्चात मृत्यु होने का श्राप दिलवाया और बताया की कलयुग में भगवान को पाने का सबसे आसान तरीका भागवत महापुराण कथा का सुनना है ये कथा को सुनने से मनुष्य के सभी पापो का अंत हो जाता है और मनुष्य जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और मोक्ष को प्राप्त हो जाता है और बताया कि प्रभु अपने भक्तो की पीड़ा को दूर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते है और अपने भक्तो के सभी दुखो को समाप्त करते है परंतु मनुष्य है की कलयुग में मोह माया कपट लालच में फसकर ईश्वर से अंपने को दूर कर लिया है , और बताया कि किस प्रकार श्री कृष्ण जी ने अपने बाल्यकाल से ही राक्षसों का विनाश किया और अपनी प्यारी राधा रानी के अटूट प्रेम को संसार के सामने एक अद्भुत समर्पण को स्थापित करते हुए एक निस्काम प्रेम को समझाया कि किस प्रकार भगवान श्री कृष्ण को प्राप्त कर सकते है और व्यास जी ने प्रभु में भक्ति मे लीन भक्तों और प्रभु भक्ति से दूर व्यक्तियों का अंतर बहुत अच्छी तरीके से समझाया कि किस प्रकार प्रभु भक्ति में लीन वक्त के सपन में भी यदि प्रभु दर्शन दे देते हैं तो भक्त अपने को बहुत भाग्यवान मानता है और वही प्रभु भक्ति से दूर जैसे कंस को सपने में प्रभु दर्शन देते हैं तो वह मृत्यु के भय से प्रभु के दर्शन से ही भयभीत हो जाता है और वह प्रभु से भय खाता है और अंत में इन्हीं प्रसंगों के साथ आज की कथा को विराम दिया गया और प्रसाद वितरण किया गया और कथा में शामिल सभी श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भागवत कथा का श्रवण किया और धर्म लाभ उठाया और महिलाओं ने प्रभु भक्ति में लीन होकर नृत्य किया इस अवसर पर कथा व्यवस्थापक चंद्रलेखा, रविंद्र कुमार एडवोकेट व मन्नूलाल नामदेव, विजेंद्र नामदेव , मंजू नामदेव सुरेंद्र कुमार बैंक वाले,प्रमोद चाट वाले आदि श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और श्री भागवत कथा में अपना सहयोग प्रदान किया