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समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी? लॉ कमीशन ने 30 दिन में जनता-धार्मिक संगठनों से मांगे सुझाव

समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी? लॉ कमीशन ने 30 दिन में जनता-धार्मिक संगठनों से मांगे सुझाव

समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी? लॉ कमीशन ने 30 दिन में जनता-धार्मिक संगठनों से मांगे सुझाव

22 वें विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने समान नागरिक संहिता पर आम जनता से विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है.इससे पहले पिछले विधि आयोग ने 2016 में इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श प्रक्रिया शुरू की थी. 21वें विधि आयोग ने 2018 मार्च में जनता के साथ विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फिलहाल समान नागरिक संहिता यानी कॉमन सिविल कोड की जरूरत देश को नहीं है.

समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लाने की तैयारी तेज हो गई है. 22 वें विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने समान नागरिक संहिता पर आम जनता से विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आयोग द्वारा जनता, सार्वजनिक संस्थान और धार्मिक संस्थानों व संगठनों के प्रतिनिधियों से एक महीने में इस मुद्दे पर राय मांगी है.

इससे पहले पिछले विधि आयोग ने 2016 में इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श प्रक्रिया शुरू की थी. 21वें विधि आयोग ने 2018 मार्च में जनता के साथ विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फिलहाल समान नागरिक संहिता यानी कॉमन सिविल कोड की जरूरत देश को नहीं है. लेकिन पारिवारिक कानून यानी फैमिली लॉ में सुधार की बात जरूर की थी.

22वें विधि आयोग को हाल ही में तीन साल का विस्तार मिला है. आयोग ने अपने बयान में कहा कि पिछले परामर्श को जारी होने की तारीख से तीन साल से अधिक समय बीत चुका है, इस विषय की प्रासंगिकता और महत्व को ध्यान में रखते हुए, तमाम अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए विधि आयोग ने इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार-विमर्श करना उचित समझा.

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