उद्योग जगत

मेटा ने साइबररूट रिस्क एडवाइजरी के 40 खाते हटाए, चीन से जुड़े 900 खातों को भी बंद किया

मेटा ने साइबररूट रिस्क एडवाइजरी के 40 खाते हटाए, चीन से जुड़े 900 खातों को भी बंद किया

नयी दिल्ली। सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा ने एक भारतीय कंपनी साइबररूट रिस्क एडवाइजरी द्वारा संचालित 40 से अधिक खातों को बंद कर दिया है। यह कंपनी कथित रूप से ‘हैकिंग-फॉर-हायर’ सेवाओं में शामिल है। मेटा की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसके साथ ही मेटा ने चीन से एक अज्ञात इकाई द्वारा इंस्टाग्राम और फेसबुक पर चलाए जा रहे करीब 900 फर्जी खातों के नेटवर्क को भी हटा दिया है। कंपनी की ‘नियुक्ति उद्योग के लिए निगरानी’ से संबंधित जोखिमों पर 15 दिसंबर को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ये खाते म्यामां, भारत, ताइवान, अमेरिका और चीन में सैन्यकर्मियों, लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं, सरकारी कर्मचारियों, राजनीतिज्ञों और पत्रकारों सहित अन्य लोगों का ब्योरा (डेटा) जुटा रहे थे।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमनेफेसबुक और इंस्टाग्राम पर साइबररूट रिस्क एडवाइजरी प्राइवेट नामक एक भारतीय कंपनी द्वारा संचालित 40 से अधिक खातों के एक नेटवर्क को हटा दिया है। हमने अपने ऐप्स पर सीधे मालवेयर साझा करने के बजाय यह कदम उठाया है। इस समूह की गतिविधियां मुख्य रूप से सोशल इंजीनियरिंग और फिशिंग पर केंद्रित थीं। इसके जरिये यह लोगों को बरगलाने का काम कर रहा था। इससे कई बार लोग इंटरनेट में विभिन्न ऑनलाइन खातों पर अपनी जानकारी साझा कर देते हैं।’’

मेटा के अनुसार, साइबररूट ने दुनियाभर में लक्षित लोगों का भरोसा जीतने के लिए इन फर्जी खातों का इस्तेमाल किया। इन खातों में पत्रकारों, कारोबार क्षेत्र के कार्यकारियों और मीडिया दिग्गजों के नाम का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ मामलों में, साइबररूट ने ऐसे खाते भी बनाए जो उनके लक्ष्य में शामिल लोगों के दोस्तों और परिवार के सदस्यों से बहुत मिलते-जुलते थे और उसमें सिर्फ थोड़ा ही बदलाव था।

मेटा ने कहा कि उसने पाया कि साइबररूट ने दुनियाभर में विभिन्न उद्योगों को लक्ष्य बनाया। इनमें ऑस्ट्रेलिया में कॉस्मेटिक सर्जरी और विधि फर्म, रूस की रियल एस्टेट और निवेश कंपनियां, अमेरिका की निजी इक्विटी और दवा कंपनियां, अंगोला में पर्यावरण और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता, ब्रिटेन की जुए से जुड़ी इकाइयां तथा न्यूजीलैंड की खनन कंपनियां शामिल हैं।

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