धार्मिक आस्था और सांप्रदायिकता दो अलग-अलग चीजें : विजयन
धार्मिक आस्था और सांप्रदायिकता दो अलग-अलग चीजें : विजयन

मलप्पुरम| केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले लोगों से आगे आकर देश में व्याप्त सभी प्रकार की सांप्रदायिकता से लड़ने का आग्रह करते हुए रविवार को कहा कि धार्मिक आस्था और सांप्रदायिकता दो अलग-अलग चीजें हैं।
विजयन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि यह संगठन देश में अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है और भारतीय संविधान की मूल संरचना को बदलने के एक सुव्यवस्थित एजेंडे को पूरा करने में जुटा हुआ है।
विजयन ने साम्यवादी नेता एवं केरल के प्रथम मुख्यमंत्री ई एम एस नंबूदरीपाद के 113वें जयंती समारोह के तहत ‘‘ईएमएस की दुनिया’’ विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की।
विजयन ने कहा, ‘‘मुसलमानों और ईसाइयों सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ हमलों की खबरें देशभर से आ रही हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस केरल में ईसाई समुदाय की चापलूसी करने में जुटा है, लेकिन पड़ोसी राज्य कर्नाटक में उसी समुदाय पर हमला किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हम केरल में इसका एक उदाहरण देख सकते हैं। आरएसएस का कहना है कि वह एक विशेष समुदाय के साथ है। ऐसा क्यों?’’
विजयन ने कहा, ‘‘हमें यह समझने की जरूरत है कि धार्मिक आस्था और सांप्रदायिकता दो अलग-अलग चीजें हैं। धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले लोगों को आगे आना चाहिए और सांप्रदायिकता का विरोध करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस के सांप्रदायिक एजेंडे ने ‘‘अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता’’ को हवा दी है और हमें धर्मनिरपेक्षता के जरिये सांप्रदायिकता से लड़ने की जरूरत है।