Ajit Doval Birthday: जेम्स बॉन्ड ऑफ इंडिया के नाम से फेमस हैं अजित डोभाल, जानिए रोचक बातें
Ajit Doval Birthday: जेम्स बॉन्ड ऑफ इंडिया के नाम से फेमस हैं अजित डोभाल, जानिए रोचक बातें

आज यानी की 20 जनवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि अजित डोभाल जेम्स बॉन्ड ऑफ इंडिया के नाम से भी फेमस है। वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं। अजित डोभाल के नाम पर ऑपरेशन ब्लैक थंडर से लेकर आईएसआईएस के चंगुल से भारतीय नर्सों को सुरक्षित वापस निकाल लाने और सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर नगा शांति समझौता कराने तक की कई उपलब्धियां हैं।
जेम्स बॉन्ड ऑफ इंडिया भारतीय पुलिस सेवा के ऐसे रिटायर्ड अधिकारी हैं। जिनको कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी 1945 को अजित डोभाल का जन्म हुआ था। अजित डोभाल के पिता जीएन डोभाल भी भारतीय सेना में एक अधिकारी रैंक पर थे। उनकी शुरूआती शिक्षा अजमेर, राजस्थान के किंग जॉर्ज्स रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल से पूरी हुई। वहीं साल 1967 में अजित डोभाल ने आगरा विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
रॉ से जुड़े डोभाल
आपको बता दें कि साल 1968 में अजित डोभाल केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे। वहीं फिर साल 1976 में वह खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़ गए। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में अजित डोभाल ने करीब 7 साल तक अंडर कवर एजेंट के रूप में काम किया।
ऑपरेशन ब्लैक थंडर में निभाई अहम भूमिका
साल 1988 में पंजाब के अमृतसर में एक युवक रिक्शा चलाता दिख रहा था। बता दें कि उस दौरान जरनैल सिंह भिंडरावाले का इस क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव हुआ करता था। जब खालिस्तानियों को उस पर शक हुआ। लेकिन इसके बाद भी उस रिक्शेवाले ने 10 दिन की कड़ी मशक्कत और अपनी सूझबूझ और चालाकी से खालिस्तानियों को यह विश्वास दिलाया कि आईएसआई ने उनकी मदद के लिए रिक्शेवाले को भेजा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह रिक्शावाला और कोई नहीं बल्कि अजित डोभाल थे। अजित डोभाल ने अलगाववादियों की पोजिशन और संख्या की जानकारी देकर ऑपरेशन ब्लैक थंडर में काफी अहम भूमिका निभाई थी।
वहीं साल 1999 में जब इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर लिया तो देश में हंगामा मच गया। वहीं विमान को हाइजैक कर कंधार ले जाया गया। तब तालिबान संग बातचीत कर अजित डोभाल ने काफी अहम भूमिका निभाई। रॉ के पूर्व चीफ एएस दुलत के मुताबिक डोभाल कंधार से लगातार उनके संपर्क में थे। वहीं अजित डोभाल ने बातचीत कर हाईजैकर्स से विमान यात्रियों को छोड़े जाने के लिए राजी कर लिया था।