मुस्लिम समाज के मौलानाओं और गणमान्य लोगो ने नमाज सार्वजनिक स्थान पर न पढ़ने की अपील की
मुस्लिम समाज के मौलानाओं और गणमान्य लोगो ने नमाज सार्वजनिक स्थान पर न पढ़ने की अपील की

*आगामी त्योहार को लेकर प्रशासन अलर्ट, जगह जगह की जा रही है पीस कमेटी की मीटिंग*
मुजफ्फरनगर में आगामी त्योहारों को जनपद में शांतिपूर्ण संपन्न कराने एवं कानून व्यवस्था को कायम रखने तथा सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने हेतु जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह और एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह, एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय, नगर मजिस्ट्रेट अनूप श्रीवास्तव, सभी उप जिलाधिकारी, सभी क्षेत्राधिकारी, सभी थाना प्रभारियों के साथ अपने-अपने क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच जाकर अमन और चैन की अपील कर रहे हैं। धर्म गुरु और संभ्रांत व्यक्तियों के साथ पीस कमेटी मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। सभी से अपील की जा रही है कि आगामी त्योहारों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखें, किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें, अराजकता एवं अफवाह भ्रामक खबर फैलाने वालों की सूचना तत्काल पुलिस को दें, धार्मिक आयोजन परिसर के अंदर ही करते हुए सौहाद्रपूर्ण वातावरण का माहौल बनाए रखें।
फक्कर शाह मस्जिद के इमाम कारी खालिद ने कहा कि अदालत के आदेश का पालन हो रहा है, दूसरों को दिक्कत देकर इबादत नहीं होती इबादत का मतलब है दूसरों को सहूलियत पहुंचाना, ईद उल फितर का त्योहार आ रहा है शासनादेश है कि आम जगह पर नमाज नहीं होगी, हम भी लोगों से अपील कर रहे हैं और सबको पता है जहां आम इजाजत नहीं होती वहां खुद भी सब परहेज करते हैं, ईदगाह के अंदर जो जगह है वहां ईद की नमाज होगी बाकी मस्जिदों में भी ईद की नमाज होगी, मैं अपने नौजवानों से अपील करता हूं कि अमन, मोहब्बत, प्यार यह ईद ऐसी ईद हो इससे ऐसा पैगाम पहुंचे की मोहब्बत को आम करने वाली है यह नई नस्ल है, यह नए फूल हैं जिनकी खुशबू से पूरा हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया महकेगी।
उलेमा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती जुल्फिकार ने कहा कि कल अलविदा जुम्मा है, रमजान का आखिरी जुम्मा है, इस मौके पर हम सबको मुबारकबाद पेश करना चाहते हैं, सुप्रीम कोर्ट का लाउडस्पीकर को लेकर आदेश है कि आवाज सिर्फ इबादतगाह तक रहे उसे हम कबूल कर रहे हैं, इसमें हिंदू मुस्लिमों का बराबर सहयोग मिल रहा है, मैं अपील करना चाहता हूं हमें इसमें सहयोग करना चाहिए और जुमे की नमाज हमें मस्जिद के अंदर पढ़नी चाहिए, मस्जिद में काफी जगह होती है, ऊपर भी जगह होती है, हमारी मुमकिन कोशिश होनी चाहिए कि सबसे पहले हम जामा मस्जिद जाएं और उसके बाद जहां जुमे की नमाज हो हमें मस्जिद के अंदर ही नमाज अदा करनी है, और उसी तरह ईद की नमाज भी हमें ईदगाह में अंदर ही पढ़नी है और उसके अलावा मस्जिद में भी नमाज होगी, हमारी अपील है कि हम ईदगाह पर इतने ही लोग जाएं कि ईदगाह के अंदर हदूद में ही नमाज अदा करें और बाकी मस्जिद में नमाज अदा करें, ताकि किसी को दिक्कत ना हो।
जमीयत उलेमा ए हिंद से जुड़े मौलाना नजर मोहम्मद ने कहा कि कल अलविदा जुमा है और उसके 3 दिन बाद ईद की नमाज है, मेरी मुस्लिमों से अपील है कि सभी नमाज अपनी-अपनी मस्जिदों और ईदगाह के अंदर पढ़े, सार्वजनिक स्थानों और आम रास्तों पर ईद और जुम्मे की नमाज ना पढ़ी जाए, अगर जगह कम पड़ती है तो उसके लिए किसी दूसरे मुतब्दिल का इंतजाम कर लिया जाए लेकिन किसी भी सूरत में आम रास्तों पर जुमे की ओर ईद की नमाज नहीं पढ़ी जाए।।