*नारायणी शाखा ने संस्कृति सप्ताह के अंतर्गत किया फलदार एवं छायादार वृक्षारोपण का भव्य आयोजन*
*नारायणी शाखा ने संस्कृति सप्ताह के अंतर्गत किया फलदार एवं छायादार वृक्षारोपण का भव्य आयोजन*

भारत विकास परिषद मुज़फ्फरनगर – नारायणी शाखा द्वारा संस्कृति सप्ताह के अंतर्गत द्वितीय कार्यक्रम *फलदार एवं छायादार वृक्षारोपण* का भव्य आयोजन दिनांक 25 अगस्त 2025, सोमवार को किया गया।
यह कार्यक्रम *CRIC* *क्रिकेट जोन, बिहाइंड वेलविस्ता होटल, जौली रोड, कूकड़ा,* मुज़फ्फरनगर में संपन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में
शिशुकांत गर्ग – प्रांतीय गतिविधि संयोजक ‘पर्यावरण’
श्री निस्काम गर्ग – प्रांतीय प्रकल्प प्रभारी ‘योग’
श्री पंकज बंसल – प्रांतीय प्रकल्प संयोजक ‘पर्यावरण’ उपस्थित रहे
मुख्य अतिथियों ने स्वयं वृक्षारोपण किया और वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वृक्ष मानव जीवन की आधारशिला हैं।
वनों का संरक्षण कर हम स्वस्थ, सुरक्षित और सुंदर वातावरण प्राप्त कर सकते हैं।
🌸 कार्यक्रम संयोजक निधि कुच्छल और अनु गुप्ता द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान पटका पहनाकर किया गया!
🌳 वृक्षारोपण का आयोजन 🌳
स्टेडियम परिसर में विशाल स्तर पर आंवला, जामुन, शरीफा, अमरूद, चांदनी, पापड़ी
तथा अनेक छायादार व फलदार वृक्ष परिषद के सभी सदस्यों द्वारा रोपे गए।यह कार्यक्रम अत्यंत सफल एवं प्रेरणादायक सिद्ध हुआ।
मुख्य अतिथियों का वृक्षारोपण, वृक्षों के महत्व पर उनके विचार, फलदार और छायादार वृक्षों का रोपण – इन सबने समाज में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई प्रेरणा दी।
वृक्षारोपण उपरांत महिलाओं ने स्टेडियम में क्रिकेट और बैडमिंटन खेलकर खूब मनोरंजन किया।
हंसी-खुशी और उत्साह से भरा यह पल कार्यक्रम की विशेष स्मृति बन गया।
🌺 विशेष आकर्षण :
कार्यक्रम के अंत में पेड़ों से केले तोड़कर सभी उपस्थित सदस्यों को उपहार के रूप में बाँटे गए।
यह अनूठा उपहार सभी को बहुत प्रिय लगा और वातावरण आनंदमय हो उठा!
🌸 सहयोग 🌸
स्टेडियम के मालिक नमन राजवंश एवं उनके परिवार ने इस कार्यक्रम में पूरा सहयोग प्रदान किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से शाखा
रेखा गोयल – अध्यक्ष
पूजा मित्तल – सचिव
अंजलि गोयल – कोषाध्यक्ष
वर्षा गुप्ता – महिला संयोजिका
राशि गुप्ता – संस्कृति सप्ताह चेयरमैन
संस्थापक अध्यक्ष कनिका अग्रवाल और शाखा संरक्षक सीए अतुल अग्रवाल जी उपस्थित रहें!
कार्यक्रम को सफल बनाने में पारुल माहेश्वरी अंशू गर्ग आदि का महत्तवपूर्ण योगदान रहा l