
सहारनपुर।
फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अमेरिका के नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा था। पुलिस ने मौके से चार महिलाओं समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस लाइन में एसपी देहात सागर ने बताया कि शहर कोतवाली व साइबर क्राइम पुलिस को घंटाघर स्थित होटल रिडेक्शन में बाहर के लोगों के रहने और संदिग्ध गतिविधियां होने की जानकारी मिली थी। जांच के बाद पुलिस ने होटल में छापा मारा। यहां से दिल्ली निवासी रोहित शर्मा, करण सरीन, सोनिया, विक्रम, असम निवासी अलींग दौलगुपुनू, मणिपुर निवासी जसटीन उर्फ जेनगुलीन सिंगसन, सैमुअल, दार्जलिंग पश्चिमी बंगाल निवासी प्रयास, निकिता, नागालैंड निवासी चेनॉयहुन, सायरोनिलिया को गिरफ्तार किया। इनमें से आरोपी विक्रम के खिलाफ गुरुग्राम के थाना उद्योग नगर में भी केस दर्ज है। पूछताछ में सामने आया कि यह सभी आरोपी पिछले 20 दिन से होटल में रह रहे थे। इनसे 14 लैपटॉप, 11 मोबाइल, पांच हेडफोन, तीन चार्जर और 4900 रुपये नकद बरामद किए हैं।
ऐसे करते थे ऑनलाइन ठगी
एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि आरोपी डार्कवेब से अमेरिकी नागरिकों, खासतौर पर सीनियर सिटीजन का डाटा खरीदते थे। इसके बाद उनके कंप्यूटर सिस्टम में वायरस युक्त पॉपअप मेसेज भेजते थे। इसके बाद खुद को टेक्निकल सपोर्ट एजेंट बताकर आई बीम कॉलिंग माइक्रोसिप इनकमिंग एप्लिकेशन के जरिए कॉल करते थे। अल्ट्राव्यूअर नामक सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराकर पीड़ित का सिस्टम एक्सेस कर लेते थे। इसके बाद कंप्यूटर स्क्रीन पर फर्जी स्कैन रिपोर्ट दिखाकर पीड़ित को डराते थे उनके बैंक अकाउंट से प्रतिबंधित वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन हुए हैं। डराने के बाद उन्हें गूगल प्ले, एप्पल, टारगेट, नाइक जैसे गिफ्ट कार्ड्स खरीदने को मजबूर किया जाता था। यह गिफ्ट कार्ड की डिटेल गिरोह के मैनेजर अनिरुद्ध व साथी रविंद्र सिंह को भेजी जाती थी, जो उन्हें रिडीम कर रुपये में बदलते थे
अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठगी का मास्टरमाइंड दिल्ली निवासी रोहित शर्मा है। इस गिरोह में अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। यह भी पता लगाया जाएगा कि इन आरोपियों ने किन-किन खातों से ट्रांजेक्शन की है। इस पूरे मामले में होटल मालिक की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है, क्योंकि होटल मालिक की जानकारी के बिना कॉल सेंटर संचालित होना संभव नहीं है। बताया जा रहा है कि होटल मालिक से भी पूछताछ की गई थी, लेकिन रसूख के चलते उसे छोड़ दिया गया। वहीं पकड़े गए सभी आरोपी पेशेवर ठग हैं और कई राज्यों में पहले भी साइबर अपराध में शामिल रह चुके हैं। अब इनके नेटवर्क और अनिरुद्ध व रविंद्र सिंह की तलाश की जा रही है।