बसंत पंचमी पर पट्टी पूजन का यह है शुभ-मुहूर्त, इस मंत्र का करें जाप…ज्ञान की देवी मां सरस्वती होंगी प्रसन्न
बसंत पंचमी पर पट्टी पूजन का यह है शुभ-मुहूर्त, इस मंत्र का करें जाप...ज्ञान की देवी मां सरस्वती होंगी प्रसन्न

ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती का पर्व बसंत पंचमी इस बार 14 फरवरी को मनाया जाएगा. हिंदू रीति रिवाज और धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से विद्यारंभ के लिए यह दिन सबसे शुभ माना गया है. यही वजह है कि बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर हर घर में छोटे बच्चों का पट्टी पूजन भी इसी महत्वपूर्ण पर्व पर पूरे विधि विधान के साथ करवाया जाता है.
पट्टी पूजन की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बच्चों की उम्र के अनुसार ही करना चाहिए. शास्त्रों में भी इसके लिए बच्चों की उम्र का जिक्र किया गया है. यदि, उसी उम्र के तहत बसंत पंचमी पर यह पट्टी पूजन नहीं करवाया जाए तो ज्ञान की देवी मां भगवती नाराज भी हो सकती हैं.
राज्याचार्य पंडित प्रकाश चंद जती बताते हैं कि सरस्वती पूजन के लिए बसंत पंचमी का दिन शुभ माना जाता है. इस दिन छोटे बच्चों को प्रथम बार अक्षरा-रंभ मुहूर्त में पट्टी पूजा कराई जाती है. बसंत पंचमी के पावन अवसर पर की जाने वाली पट्टी पूजा में बच्चों को तीन शब्द पट्टी यानि स्लेट पर लिखवाए जाते हैं. सरस्वती पूजन के यह तीन शब्द कुछ इस प्रकार हैं. ॐ नमो: सिद्धम…
इसके साथ-साथ ही मां सरस्वती की पूजन के लिए एक कलश पर आम्र पल्लव, आम्र की मंजरी और गुड़ और घी को पात्रों में रखकर मां सरस्वती का पूजन किया जाता है. जती बताते हैं कि ऐसा करने से विद्या की दायिनी मां सरस्वती बच्चों को सद्बुद्धि देती है.
उम्र के अनुसार ही करवाना चाहिए पट्टी पूजन
राज्याचार्य पंडित प्रकाश चंद जती बताते हैं कि बसंत पंचमी पर विद्यारंभ की ये रस्म बच्चों की आयु अनुसार ही निभानी चाहिए. सिर्फ 5 से 6 साल के बच्चों और इस उम्र के बीच के बच्चों से ही बसंत पंचमी पर पट्टी पूजन करवाना चाहिए. क्योंकि उससे पहले बालक की आंखों की पुतलियां और हाथों की उंगलियों में दुर्बलता रहती है. जिससे वह लिखने और आंखों से देखने, दोनों में ही कमजोर माने जाते हैं. इसलिए 5 साल के बच्चों का ही बसंत पंचमी पर पट्टी पूजन करना चाहिए. क्योंकि 5 साल की उम्र में वह पूरी तरह परिपक्व और उनकी आंखों की पुतलियां ठहरने और उनके हाथों की उंगलियों में लिखने की शक्ति आ जाती है.
ये हैं बसंत पंचमी पर सर्वश्रेष्ठ पूजन का मुहूर्त
जती के मताबिक, 14 फरवरी बसंत पंचमी पर इस बार विद्यारंभ का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त पंचमी बुधवार को प्रातः 6 बजे से 9:00 तक लाभ अमृत की घड़ी और 10:30 से 12:00 बजे तक ही विद्यारंभ यानि सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त है.
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