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बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी, 13 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य से जुड़ी हर बड़ी अपडेट जानें यहां

बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी, 13 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य से जुड़ी हर बड़ी अपडेट जानें यहां

बिहार की नीतीश सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जारी कर दिया है। जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद सामने आया है कि बिहार में कुल 13 करोड़ से अधिक की आबादी है। बिहार सरकार ने हाल ही में जातिगत जनगणना करवाई थी। अब 2 अक्टूबर को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट दे दी है जिसके बाद ही आखिरी जारी किए गए हैं।

बिहार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27.13 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत, सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत, एससी वर्ग 19 प्रतिशत और एसटी वर्ग 1.68 प्रतिशत है। है। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है।

जातिगत जनगणना से सामने आया है कि बिहार में स्वर्ण की संख्या (अनारक्षित या जनरल) 15.52 प्रतिशत, भूमिहार की आबादी 2.86 प्रतिशत, ब्रहाणों की आबादी 3.66 प्रतिशत, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 प्रतिशत, मुसहर की आबादी 3 प्रतिशत, यादवों की आबादी 14 प्रतिशत और राजपूतों की आबादी 3.45 प्रतिशत है। जनगणना से पता चला है कि बिहार में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। वहीं बिहार की कुल आबादी 13,07,25,310 है, जिसमें पिछड़ा वर्ग 3,54,63,936, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 4,70,80,514, अनुसूचित जाति 2,56,89,820, अनुसूचित जनजाति 21,99,361, अनारक्षित 2,02,91,679 हैं। बिहार सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में 82% हिन्दू, 17.7% मुसलमान, .05% ईसाई, .08% बौद्ध धर्म, .0016% कोई धर्म नहीं है।

नीतिश कुमार ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना जारी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने जानकारी दी है। आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।

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