करीबी फवाद चौधरी ने छोड़ी PTI, अपने संबोधन में इमरान ने कार्यकर्ताओं से अंडरग्राउंड होने को कहा
करीबी फवाद चौधरी ने छोड़ी PTI, अपने संबोधन में इमरान ने कार्यकर्ताओं से अंडरग्राउंड होने को कहा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक ए इंसाफ के मुखिया इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रही कार्रवाई के बाद अब नेताओं के पार्टी को अलविदा कहने का सिलसिला भी चल पड़ा है। ऐसे में इमरान खान ने अपना संबोधन दिया। जिसमें इमरान ने सभी को अंडरग्राउंड होने को कहा। इमरान खान ने अपने कार्यकर्ताओं को अंडरग्राउंड होने को कहा। इमरान ने अपने संबोधन में कहा कि जो लोग भी मुसीबत में हैं वे अंडरग्राउंड रहे। हमारे 10 हजार लोगों को जेल में डाला गया है। बीते दिनों पार्टी को अलविदा कहने वाली शिजीन मजारी को इमरान ने देशभक्त बताया। उन्होंने कहा कि वो मर जाएगी लेकिन देश के खिलाफ कुछ नहीं करेंगी।
इमरान की पार्टी पर प्रतिबंध की चर्चा के बीच पाकिस्तान के पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री और पीटीआई के बड़े नेता फवाद चौधरी ने भी पीटीआई से इस्तीफा दे दिया है और इमरान खान से दूरी बना ली है। उन्होंने ट्वीटर पर कहा कि मेरे पहले के बयान में जहां मैंने 9 मई की घटनाओं की स्पष्ट रूप से निंदा की थी। मैंने राजनीति से ब्रेक लेने का फैसला किया है, इसलिए मैंने पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है और इमरान खान से अलग हो रहा हूं।
पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने पर विचार
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता को संबोधित करते हुए कहा था कि पीटीआई ने राज्य की बुनियाद पर हमला किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस महीने की शुरुआत में इमरान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के बारे में बात करते हुए आसिफ ने कहा कि 9 मई को जो कुछ भी हुआ वह सहज नहीं था। यह पूर्व नियोजित था, इसलिए इस पृष्ठभूमि में संभावना है कि हम प्रतिबंध पर विचार करें।
सरकार ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाया तो सुप्रीम कोर्ट 24 घंटे के भीतर फैसला रद्द
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीआईटी) के सीनेटर बैरिस्टर अली जफर ने बुधवार को दावा किया कि पूर्व सत्ताधारी पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की अटकलों पर बहस चल रही है, अगर सरकार उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगाती है तो सुप्रीम कोर्ट 24 घंटे के भीतर फैसले को रद्द कर देगा। उनका बयान एक शीर्ष मंत्री के उस बयान के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि संघीय सरकार 9 मई के हिंसक दंगों के बाद इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है, जिसमें सैन्य प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया गया था।