क्यों खतरे में पड़ गई संजय राउत की संसद सदस्यता, कोल्हापुर में दिया था विवादित बयान, अब विशेषाधिकार हनन मामले में दोषी करार
क्यों खतरे में पड़ गई संजय राउत की संसद सदस्यता, कोल्हापुर में दिया था विवादित बयान, अब विशेषाधिकार हनन मामले में दोषी करार

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत के विशेषाधिकार हनन नोटिस को महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भेज दिया। संजय राउत के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा में ‘विधिमंडल’ (विधायिका) को ‘चोरमंडल’ (चोरों का शरीर) कहने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया गया था। इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र परिषद के उपाध्यक्ष ने शिवसेना (यूबीटी) नेता को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनके खिलाफ दिए गए विशेषाधिकार हनन नोटिस का जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
हालांकि, नीलम गोरहे ने शनिवार को कहा कि राज्यसभा सांसद की प्रतिक्रिया असंतोषजनक थी। गोरहे ने परिषद में बोलते हुए कहा कि राउत ने अपने जवाब में सदन की विशेषाधिकार समिति की संरचना, इसकी निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य होने के नाते यह उम्मीद नहीं की जाती कि वह (राउत) विशेषाधिकार समिति के कामकाज पर सवाल उठाएंगे। इसलिए मैं उनके जवाब से पूरी तरह सहमत नहीं हूं और मुझे यह संतोषजनक नहीं लगता। इसलिए, मैं राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति को उचित कार्रवाई के लिए विशेषाधिकार हनन नोटिस भेज रही हूं।
क्या है पूरा मामला?
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को नकली और ‘चोर मंडली’ (चोरों का गिरोह) करार देकर विवाद खड़ा कर दिया। संजय राउत ने अपने कोल्हापुर दौरे पर 1 मार्च को मीडिया संवाद में विधानमंडल को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यह विधानमंडल नहीं, ‘चोर मंडली’ है।