उद्योग जगत

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी संबंधी परिपत्र में SEBI का संशोधन

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी संबंधी परिपत्र में SEBI का संशोधन

बाजार नियामक सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के बारे में जारी अपने परिपत्र में शुक्रवार को संशोधन करते हुए उन्हें कंपनियों से महत्वपूर्ण सूचनाएं नहीं मिलने की स्थिति के लिए मार्च अंत तक एक विस्तृत नीति बनाने को कहा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के बारे में संशोधित परिपत्र जारी करते हुए कहा कि यह प्रावधान 31 मार्च, 2023 तक पूरा कर लिया जाए।

इसमें रेटिंग एजेंसियों को कहा गया है कि कंपनियों की तरफ से तिमाही वित्तीय विवरणों समेत महत्वपूर्ण सूचनाएं नहीं जमा किए जाने की स्थिति से निपटने के लिए वे विस्तृत नीति बनाएं। इस नीति में महत्वपूर्ण सूचनाओं की अनुपलब्धता से जुड़े जोखिमों के आकलन का तरीका निर्धारित किया जाएगा। इसके अलावा लगातार तीन तिमाहियों तक कंपनी से सूचना न मिलने पर उसे ‘असहयोगी’ घोषित करने और उस रेटिंग को सात दिन के भीतर दर्ज करने की व्यवस्था करनी होगी। इसके पहले सेबी ने जनवरी में परिचालन परिपत्र जारी किया था जिसे एक फरवरी से लागू होना था।

लेकिन अब सेबी ने इसमें संशोधन कर दिया है। सेबी ने नए परिपत्र में कहा है कि किसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यपालक अधिकारी या कारोबारी जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी को किसी एजेंसी की रेटिंग समिति का सदस्य नहीं बनाया जा सकता है। किसी सूचीबद्ध कंपनी के शेयर की क्रेडिट रेटिंग को वापस लिए जाते समय एजेंसी को उसे रेटिंग देकर एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी करनी होगी। इस विज्ञप्ति में उसे रेटिंग को वापस लिए जाने की वजह बतानी होगी।

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