उद्योग जगत

सरसों तेल-तिलहन, सीपीओ, बिनौला में गिरावट, सोयाबीन डीगम में सुधार

सरसों तेल-तिलहन, सीपीओ, बिनौला में गिरावट, सोयाबीन डीगम में सुधार


कमजोर मांग के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सरसों तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट आई जबकि शिकॉगो एक्सचेंज के तेज रहने से सोयाबीन डीगम, पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया। मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन दिल्ली एवं इंदौर के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय अवकाश होने से मलेशिया एक्सचेंज आज बंद था और यह सोमवार को खुलेगा जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में एक प्रतिशत की तेजी थी।

सूत्रों ने कहा कि बिनौला की नई फसल की मंडियों में रुक-रुक के आवक शुरू हो गयी है मगर इसके भाव सोयाबीन एवं पामोलीन से ऊंचे हैं। ऊंचे भाव पर मांग कमजोर होने से बिनौला तेल कीमतों में गिरावट आई। मांग कमजोर होने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में भी मामूली गिरावट देखने को मिली। मलेशिया एक्सचेंज के बंद होने से सीपीओ में कारोबार कमजोर होने से इसके तेल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज हुई। सूत्रों ने कहा कि सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन डीगम को छोड़कर सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर रहीं जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में तेजी की वजह से सोयाबीन डीगम के दाम में सुधार आया।

सस्ता होने के कारण पामोलीन की मांग निकलने से इसके भाव भी सुधार दर्शाते बंद हुए। सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन दिल्ली एवं इंदौर तेल पूर्वस्तर पर बने रहे। सूत्रों ने कहा कि सरकार को घरेलू बाजार में तेल आपूर्ति बढ़ाने के मकसद से दो वर्ष के लिए सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम तेल का 20-20 लाख टन प्रतिवर्ष का शुल्कमुक्त आयात करने की अनुमति देने के फैसले पर तत्काल पुनर्विचार करते हुए इसे बदलना चाहिये नहीं तो आगे जाकर इन तेलों का आयात घट जायेगा।

या तो सरकार इसपर पांच प्रतिशत का आयात शुल्क फिर से वापस लागू कर दे या इसके शुल्क मुक्त आयात की सीमा खत्म कर दे, तो इन तेलों का आयात नहीं घटेगा। ऐसा करने पर हो सकता है कि उपभोक्ताओं को यह तेल 10-20 रुपये लीटर सस्ता ही मिले। सरकार ने जिस मात्रा में इसके आयात की छूट दी है, हमारी घरेलू मांग उससे कहीं अधिक की है। एक निश्चित सीमा में आयात करने से घरेलू मांग को पूरा करना मुश्किल होगा जिससे आयातक और लाभ लेने की स्थिति में हो सकते हैं।

सरकार के अधिकारियों को देश के तेल- तिलहन बाजार के तौर-तरीकों, इसके अंदर दखल रखने वाले कारोबारियों के तौर-तरीकों की बारीक सूचनाओं पर नजर रखनी होगी तभी उनके कदम बाजार में अपेक्षित परिणाम देंगे। पिछले दिन सरकार ने आयात शुल्क मूल्य में कमी की थी लेकिन इसका अपेक्षित परिणाम मिलने के बजाय उलट नतीजा सामने आ रहा है। शुक्रवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन – 6,720-6,770 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली -7,170-7235 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,750 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,745 – 2,935 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 13,480 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,140-2,230 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,170-2,285 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,000-19,500 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,700 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,300 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना – 5,400-5,500 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज 5,350- 5,450 रुपये प्रति क्विंटल। 50 रुपये तेज मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!