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स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बोले- भारत में अंगदान के प्रति सोच में व्यवहारिक बदलाव की जरूरत

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बोले- भारत में अंगदान के प्रति सोच में व्यवहारिक बदलाव की जरूरत


नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में अंगदान के प्रति सोच में व्यवहारिक बदलाव की जरूरत है। मंडाविया ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 37वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा समारोह में कहा, ‘‘स्वास्थ्य को ‘सेवा’ के रूप में देखनेके लिए पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त देश भारत में हम अंगदान को भी सेवा भाव बना सकते हैं और अपने देशवासियों में नेत्रदान तथा अंगदान को लेकर उनकी अवधारणा बदल सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अंग हासिल करने वाले को गुणवत्तापूर्ण जीवन मिलता है और अंगदान, इसे करने वाले परिवारों के लिए संतुष्टि का भाव पैदा करता है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘समृद्ध ज्ञान और तय जिम्मेदारी होने के बावजूद, हमारे नागरिकों से अंगदान के प्रति उतनी प्रतिक्रिया नहीं मिली, जितनी अपेक्षा थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में अंगदान के प्रति सोच में व्यवहारिक बदलाव की आवश्यकता है। मैं सभी से जन आंदोलन के जरिये व्यापक जागरूकता पैदा करने का आग्रह करता हूं।’’ उन्होंने कॉर्निया प्रत्यारोपण, जागरूकता कार्यक्रमों और संबंधित सेवाओं को आम जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में राष्ट्रीय नेत्र बैंक और अन्य हितधारकों के प्रयासों की सराहना की।

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