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जंगल में स्टडी कर रहे थे साइंटिस्ट, पेड़ पर बैठे जानवर पर गया ध्यान, पीठ पर उगी चीज ने उड़ा दिए होश!

जंगल में स्टडी कर रहे थे साइंटिस्ट, पेड़ पर बैठे जानवर पर गया ध्यान, पीठ पर उगी चीज ने उड़ा दिए होश!

अक्सर वैज्ञानिक जानवरों का अध्ययन करने के लिए जंगल में ही पहुंच जाते हैं. वहां उन्हें ऐसी जानकारी मिल पाती है, जो जानवरों को पकड़ने के बाद उनका अध्ययन करने से मिल ही नहीं सकती. भारत में पश्चिमी घाट के जंगल में वैज्ञानिकों को एक अनोखा और काफी हैरतअंगेज अनुभव हुआ. जब वे सरीसृप और उभयचरों की स्टडी करने उन्हें खोज रहे थे, तब उन्हें एक टहनी पर एक जानवर मिला, लेकिन हैरानी की बात यह थी उसकी चमड़ी पर उन्हें एक अजीब सी चीज दिखी, जिसने उनके होश उड़ा दिए.

मेंढक ने खींचा ध्यान
भारत के वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के विशेषज्ञ लोहित वायटी और उनकी टीम पश्चिमी घाट के जंगल में उभयचरों और सरीसृपों की नई प्रजातियों के जीव खोज रहे थे. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक सड़क किनारे कुछ सुनहरी पीठ वाले मेंढक दिखे, जिनमें से एक ने उन्हें खास तौर पर आकर्षित किया जो एक पेड़ की टहनी पर बैठा था.

क्या था मेंढक में खास?
नजदीक से इस मेंढक को देखने पर उन्हें पाया कि इस मेंढक की पीठ पर एक छोटा सा मशरूम उगा हुआ था. यह काफी हैरानी की बात इसलिए थी इससे पहले कभी किसी जीवित जानवर की चमड़ी पर इस तरह से मशरूम के उगने के बारे में कभी देखा सुना नहीं गया था. लोहित और उनकी इस खोज की जानकारी रेप्टाइल्स एंड एम्फीबियन्स जर्नल में प्रकाशित हुई है.

क्या रहा रिएक्शन?
इस खोज ने केवल शोधकर्ताओं को ही नहीं बल्कि दूसरे सभी वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है. लोहित ने जब उस मेंढक की तस्वीरें ऑनलाइट पोस्ट की, तो वैज्ञानिकों ने बताया कि यह आकृति एक प्रकार के बोनट मशरूम से मेल खाती है. ये मशरूम मायसीना कहे जाते हैं जो सड़ने वाली लकड़ी पर ज्यादा उगते हैं. लेकिन ये मेंढक की पीठ पर कैसे ऊग गए, ये चौंकाने वाली बात थी

फफूंद और मशरूम
बहुत कम फफूंद मशरूम में पनप पाते हैं. फफूंद के बीज एक सतह पर पनपते हैं और धागे नुमा कोशिकाएं, मायसेलिया पैदा करते हैं. इन्हें पर्याप्त पोषण मिलता है तो ये मशरूम में पनप जाते हैं. लेकिन अजीब बात यही थी कि आखिर यह मशरूम मेंढक की चमड़ी पर कैसे उग गया? वहीं शोधकर्ताओं ने इस मेंढक को पकड़ा नहीं था, ना ही मशरूम को निकाला, जिससे इसका अध्ययन किया जा सके.

फफूंद कई तरह के हालात में पनपते हैं. कई बार वे जीवों पर भी शांति से उग आते हैं. खुद हम इंसानों की त्वच पर खमीर जैसी फफूंद होती है. लेकिन कई बार ये रोगाणु होते हैं और बैक्टाकोसिट्रियम डेंड्रोबैटिडिस या सिट्रिड तो मेंढक में जानलेवा रोग पैदा कर देते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस मेंढक की पीठ पर उगा फफूंद रोग देने वाला नहीं लगता है. इस मामले में विस्तृत जानकारी अब नहीं मिल सकती, लेकिन इस खोज ने एक नई बहस को जरूर जन्म दे दिया है.

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