क्या झारखंड में भी होगा खेला? 11 विधायकों के बैठक में नहीं आने से बढ़ी अटकलें
क्या झारखंड में भी होगा खेला? 11 विधायकों के बैठक में नहीं आने से बढ़ी अटकलें

दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बुधवार को ही रांची में हुई पार्टी विधायकों की बैठक में ये निर्देश दिया है कि वे अगले 24 अगस्त तक रांची में या आसपास ही रहे, झारखंड से बाहर नहीं जाए और बुलावे पर चार घंटे के अंदर रांची पहुंच जाएं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को रांची में अपने आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक के दौरान कुल 11 विधायक अनुपस्थित रहे जिसके बाद से सियासी अटकलें तेज हो गईं। इतना ही नहीं राजनीतिक गलियारे में तो सरकार पर संकट की चर्चा भी चलने लगी है। वहीं कुछ विपक्षी नेताओं का मानना है कि कहीं भाजपा कोई खेल न कर दे इसलिए सभी एमएलए को झारखंड छोड़ने से मना किया गया है। हालांकि, कांग्रेस नेता और झारखंड के मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आर) की गठबंधन सरकार बहुमत में है और उसी तरह काम करना जारी रखेगी। गुप्ता ने बताया कि बैठक में राज्य का कैसे सर्वांगीण विकास हो और कैसे जनता की आशा और आकांक्षाओं की पूर्ति हो इन सभी मुद्दों पर गंभीरतापूर्वक विचार हुआ है।
दरअसल, खदान लीज घोटाले मामले में हेमंत सोरेन की सदस्यता जाने की आशंका लगाई जा रही है। जिसके चलते राज्य की राजनीति में सियासी भूचाल आने की पूरी संभावना है। कहा जा रहा कि अगर सीएम हेमंत सोरेन को भी किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा तो वे कल्पना सोरेन को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बुधवार को ही रांची में हुई पार्टी विधायकों की बैठक में ये निर्देश दिया है कि वे अगले 24 अगस्त तक रांची में या आसपास ही रहे, झारखंड से बाहर नहीं जाए और बुलावे पर चार घंटे के अंदर रांची पहुंच जाएं।
इस बीच गोड्डा के भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दूबे ने कहा कि ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस दिल्ली-रांची क्यों दौड़ रहा है रे भाई। हम बोले बरहेट, दुमका विधानसभा में उपचुनाव होगा, तो हमको कांके भेज रहे थे? अब तो विधानसभा अध्यक्ष को कनाडा जाने से रोक दिए? इस्तीफे विकल्प है, दैइए दीजिए।’