इन अभिनेताओं ने सरकारी नौकरी छोड़कर रखा था बॉलीवुड में कदम, एक तो थे मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर
इन अभिनेताओं ने सरकारी नौकरी छोड़कर रखा था बॉलीवुड में कदम, एक तो थे मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर

कई लोग फिल्मों की दुनिया की चकाचौंध में अपने आप को चमकाने का सपना देखते हैं। बॉलीवुड में आने के लिए सभी कड़ी मेहनत करते हैं, जिसमें कुछ लोग फेल हो जाते हैं तो कई सफल हो जाते हैं। ऐसे ही फिल्म इंडस्ट्री में कई अभिनेता हुए हैं, जिन्होंने ना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया बल्कि एक्टिंग के लिए सरकारी नौकरी और उसके सभी ऐशो आराम भी छोड़ दिए। जी हां, आज हम आपको बॉलीवुड के कुछ ऐसे अभिनेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने एक्टिंग के लिए सरकारी नौकरी को अलविदा कह दिया। इतना ही नहीं एक मशहूर अभिनेता ने तो मुंबई पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी।अपनी एक्टिंग और अंदाज से लोगों का दिल जीतने वाले देव आनंद फिल्मों में आने से पहले सरकारी नौकरी करते थे।इतना ही नहीं वो सेना की नौकरी छोड़कर फिल्मों की दुनिया में आए थे। देव आनंद फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मायानगरी मुंबई पहुंच गए थे। लेकिन उनके पास सिर्फ 30 रुपये थे। सपनों की इस नगरी में रुकने के लिए उनके पास कोई ठिकाना नहीं था। देव आनंद ने मायानगरी पहुंचकर रेलवे स्टेशन के पास ही एक सस्ते से होटल में कमरा किराये पर ले लिया। कई दिनों तक जब उन्हें काम नहीं मिला तो उन्होंने मुंबई में टिकने के लिए नौकरी करने का मन बनाया। कई प्रयासों के बाद उन्हें मिलिट्री सेंसर ऑफिस में क्लर्क की नौकरी मिल गई। यहां उन्हें सैनिकों की चिट्ठियों को उनके परिवार के लोगों को पढ़कर सुनाना होता था। मिलिट्री सेंसर ऑफिस में देव आनंद को 165 रुपये मासिक वेतन मिलना था।हम आंखों से सुरमा नहीं चुराते, हम आंखें ही चुरा लेते हैं’ अपनी दमदार आवाज के लिए पहचाने जाने वाले राजकुमार ने अपनी बेहतरीन एक्टिंग से लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। इतना ही नहीं उनका बोला गया तकिया कलाम ‘जानी’ आज भी लोगों के जेहन में है। राजकुमार का असली नाम कुलभूषण पंडित था और उनको प्यार से करीबी लोग ‘जानी’ के नाम से पुकारते थे। राजकुमार 1940 में मुंबई आए थे और उन्होंने मुंबई पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी ज्वाइन कर ली थी। इसके बाद साल 1952 में अभिनेता ने मुंबई पुलिस की नौकरी को अलविदा कहकर फिल्मों में एंट्री ली। उनकी सबसे पहली फिल्म ‘रंगीली’ रिलीज हुई थी।कुछ तो गड़बड़ है’ वाले एसीपी प्रद्युमन तो आपको याद ही होंगे। टीवी शो सीआईडी से अपनी अलग पहचान बनाने वाले अभिनेता शिवाजी सातम ने कई फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने रानी मुखर्जी, संजय दत्त, नाना पाटेकर और कई कलाकारों के साथ फिल्मों में काम किया है। लेकिन ये कम ही लोग जानते होंगे कि अभिनेता शिवाजी कभी बैंक में कैशियर हुआ करते थे। फिल्मों में करियर बनाने से पहले शिवाजी सरकारी बैंक में नौकरी किया करते थे और फिर साल 1987 में उन्होंने फिल्म ‘पेस्टनजी’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी।’मैं बोलूंगा तो बोलोगी बोलता है’ अपने कॉमिक अंदाज और एक्टिंग से दर्शकों को हंसाने वाले अभिनेता जॉनी वॉकर को कोई नहीं भूल सकता। जॉनी वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन काजी था। उनके पिता मजदूरी करते थे। लेकिन फैक्ट्री के बंद होने के बाद जॉनी वॉकर अपने परिवार के साथ मुंबई नगरी आ गए थे। यहां उन्हें बस कंडक्टर की नौकरी मिली। कंडक्टर के तौर पर उनका महीने का वेतन 26 रुपये था। एक बार यात्रा के दौरान बलराज साहनी की नजर जॉनी वॉकर पर पड़ी और उन्होंने निर्देशक गुरु दत्त को जॉनी वॉकर के बारे में बताया। उस समय गुरु दत्त अपनी फिल्म बाजी की तैयारी कर रहे थे। इसके बाद गुरु दत्त के सामने जॉनी वॉकर ने शराबी की एक्टिंग की, जो गुरु दत्त को काफी पसंद आई। फिर क्या था जॉनी वॉकर को फिल्म ‘बाजी’ में रोल दिया गया और लोगों को उनकी एक्टिंग काफी पसंद आई थी।बॉलीवुड में ‘मोगैम्बो’ के नाम से मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी ने भले ही ज्यादातर फिल्मों में विलेन का रोल किया हो। लेकिन लोग उन्हें काफी पसंद करते थे। उनकी एक्टिंग के लोग दीवाने थे। फिल्मों में करियर बनाने से पहले अमरीश कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क काम किया करते थे। उन्होंने करीब 21 साल तक सरकारी नौकरी की और फिर उन्हें फिल्मों में आने का मौका मिला। साल 1971 में अमरी पुरी की पहली फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ रिलीज हुई। जिसमें उनकी एक्टिंग को दर्शकों ने खूब पसंद किया और इसके बाद अमरीश पुरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। ‘चाची 420’, ‘दामिनी’, ‘गर्दिश’, ‘गदर’, ‘घातक’, ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ ‘मिस्टर इंडिया’ जैसी तमाम हिट फिल्मों में काम किया।