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पत्नी से अनबन के बीच बच्चे की कस्टडी लेना चाहता था पिता, हाई कोर्ट ने दे डाला यह आदेश

पत्नी से अनबन के बीच बच्चे की कस्टडी लेना चाहता था पिता, हाई कोर्ट ने दे डाला यह आदेश


बच्चे की कस्टडी मां को दिए जाने के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी जिसको लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने बच्चे के माता-पिता को स्मार्टफोन रखने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यह फैसला बच्चे के साथ सपंर्क रखने के लिए माता-पिता को वीडियो कालिंग के लिए स्मार्टफोन रखने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पिता को अपने बेटे और पत्नी के साथ छुट्टियों और फेस्टिवल पर रहने की अनुमति दी है।
क्या था पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के तखतपुर इलाके के घोंघाडीह निवासी ललितराम जातवर की शादी रायपुर जिले के कुरा ग्राम में रहने वाली निवासी सुषमा से हुई थी। जहां ललितराम अम्बिकापुर के मैनपाट में बीईओ है वहीं सुषमा बिल्हा में शिक्षाकर्मी है। मार्च 2014 में एक बेटा हुआ, जो जन्म से ही काफी कमजोर था। बच्चे के स्वास्थय को ध्यान में रखते हुए मां ने अपना ट्रांसफर रायपुर करवा लिया जिससे पति के लिए बच्चे से मिलना काफी दुर हो गया। दुरी के कारण पिता का बच्चे के साथ मेलजोल कम होने लगा जिससे दुरियां बढ़ने लगी। पती ललितराम ने अपनी पत्नी पर आरोप लगया कि उसके बच्चे का इलाज सही से नहीं हो रहा है। पति ने रायपुर फेमिली कोर्ट में बच्चे की कस्टडी अपने पासे लेने की अपील दायर की। मामले की सुनवाई हुए तो कोर्ट ने 10 मई 2019 को अपील अस्वीकार करते हुए माता के पास ही बच्चे की कस्टडी रखने को कहा। फैमिली कोर्ट के फैसले से निराश होने के बाद पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की जहां, जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, बच्चे से मुलाकात और सपंर्क करने का पिता को पूरा अधिकार दिया जाए। इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा कि, बच्चे से सपंर्क के लिए दोनों वीडियो कॉलिंग के लिए स्मार्टफोन रखें।

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