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*सावन शिवरात्रि-जानें शुभ मुहूर्त, जलाभिषेक का समय और विधि*

*सावन शिवरात्रि-जानें शुभ मुहूर्त, जलाभिषेक का समय और विधि*

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन से कांवड़ यात्रा भी पूर्ण हो जाती है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर भगवान भोलेनाथ जलाभिषेक करने से वह अति प्रसन्न होते हैं और हर दुख-दर्द दूर कर देते हैं। इस वर्ष सावन शिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि दो दिन होने के कारण असमसंज की स्थिति बनी हुई है कि आखिर किस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करना लाभकारी हो सकता है। आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि की सही तिथि से लेकर जलाभिषेक का समय और विधि…

सावन शिवरात्रि को निशिता काल में पूजा की जाती है। इसलिए 23 जुलाई 2025 को होगा।
ब्रह्म मुहूर्त- 04:15 ए एम से 04:56 ए एम
विजय मुहूर्त- 02:44 पी एम से 03:39 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:17 पी एम से 07:38 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07:17 पी एम से 08:20 पी एम
अमृत काल- 08:32 ए एम से 10:02 ए एम

पहला मुहूर्त- 23 जुलाई को सुबह 4 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 56 मिनट तक
दूसरा मुहूर्त- सुबह 8 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाना काफी लाभकारी माना जाता है। इस दिन शिवलिंग में जल चढ़ाने मात्र से शिव जी अति प्रसन्न हो सकते हैं। सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के साथ पंचामृत, गंगाजल, दूध, दही आदि से भी अभिषेक करें। इसके अलावा बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल, भस्म, शमी पत्र, भांग, गन्ने का रस आदि अर्पित करें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर शिवलिंग की पूजा कर दें। दीपक शिवलिंग से नीचे रख दें। इसके साथ ही शिव चालीसा, शिव मंत्र का जाप कर लें और अंत में विधिवत आरती कर लें,

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