
आज दिनांक 24 नवंबर 2024 को चौधरी छोटूराम पी.जी. कॉलेज, मुज़फ्फरनगर में सर छोटूराम जी की जयंती (24 नवंबर 1881 – 9 जनवरी 1945) के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर के.पी. सिंह ने सर छोटूराम जी के जीवन, संघर्ष और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
प्राचार्य महोदय ने अपने संबोधन में बताया कि सर छोटूराम जी का जन्म 24 नवंबर 1881 को हरियाणा के रोहतक जिले के गढ़ी सांपला गांव में हुआ था। उनका मूल नाम रामरिछपाल था। सर छोटूराम जी ने किसानों और मजदूरों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्हें “किसान मसीहा” और “रईसों का दुश्मन, गरीबों का दोस्त” के रूप में जाना जाता है।
सर छोटूराम जी ने किसानों को साहूकारों और जमींदारों के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कानूनों की पहल की। 1935 में उन्होंने किसान यूनियन की स्थापना की, जिसने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनकी प्रेरणा से ही ‘पंचायती राज’ की अवधारणा को बढ़ावा मिला। उनके द्वारा पारित किए गए ऋण राहत कानून (डेब्ट्स रिलीज एक्ट) ने किसानों को साहूकारी प्रथा से राहत दिलाई।
कार्यक्रम के दौरान सभी प्राध्यापकों ने कॉलेज परिसर में स्थित सर छोटूराम जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर प्रो. जी.आर. किशोर, प्रो. ओमबीर सिंह, डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. तेषु कुमार, डॉ. रबीश कुमार, डॉ. हरिशंकर, डॉ. जॉनी कुमार, डॉ. प्रेम कुमार भारती, डॉ. आयुष बहुगुणा, डॉ. रोहित कुंडू, डा .सयोनी दास,श्री इंदरपाल और श्री भोपाल सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
सर छोटूराम जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके विचार और आदर्श सदैव हमें समाज के हित में कार्य करने की प्रेरणा देते रहेंगे।