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लग्जरी ट्रेनों पर रेलवे का ध्यान, पर अप्रैल-अक्टूबर के बीच 95.3% ने नॉन-एसी क्लास में किया सफर

लग्जरी ट्रेनों पर रेलवे का ध्यान, पर अप्रैल-अक्टूबर के बीच 95.3% ने नॉन-एसी क्लास में किया सफर

भारतीय रेलवे देश में यातायात का लाइफ लाइन है। आज भी भारतीय रेलवे पर सबसे ज्यादा विश्वसनीयता के साथ यात्री यात्रा करते हैं। व्रत और त्योहारों के दौरान रेल यात्रियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखा जाता है। छठ और दिवाली का सीजन चल रहा है। ऐसे में रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों में वृद्धि भी देखी गई है। हालांकि, यह बात भी सत्य है कि त्योहारों के दौरान तमाम इंतजाम के बावजूद भी रेल यात्रियों को असुविधाओं का सामना करते हुए यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है। इसी कड़ी में एक अहम जानकारी सामने आई है। देश में इस साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच कुल 390.2 करोड़ रेल यात्रियों में से 95.3 प्रतिशत ने सामान्य और शयनयान श्रेणी में यात्रा की।

जानकारी के मुताबिक केवल 4.7 प्रतिशत यात्रियों ने एसी (वातानुकूलित) डिब्बों में यात्रा की। यह हैरान करने वाला आंकड़ा है। वर्तमान में देखे तो भारतीय रेलवे की ओर से सबसे ज्यादा लग्जरी ट्रेनों पर ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि, सामान्य और शयनयान श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों की तादाद ज्यादा है। इस साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच विभिन्न श्रेणियों में कुल 390.2 करोड़ यात्रियों ने सफर किया, जो 2022 की इसी अवधि के दौरान 349.1 करोड़ यात्रियों की तुलना में 41.1 करोड़ अधिक (11.7 प्रतिशत अधिक) है। 390.2 करोड़ यात्रियों में से 372 करोड़ ने गैर-वातानुकूलित डिब्बों में जबकि बाकी 18.2 करोड़ ने एसी डिब्बों में यात्रा की।

सामान्य और स्लीपर श्रेणियों के लिए प्राथमिकता में यह वृद्धि रेलवे यात्रा की गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। रेलवे ने यह भी कहा कि वह कोविड-पूर्व दिनों की तुलना में अब हर दिन 562 अधिक ट्रेन चलाता है, जहां कोविड-पूर्व के दिनों में हर दिन 10,186 ट्रेन चलती थीं, वहीं अब यह बढ़कर 10,748 हो गई हैं। यात्री वितरण को तोड़ते हुए, संख्याएँ एक सुसंगत प्रवृत्ति को दर्शाती हैं, जिसमें 95.3 प्रतिशत ने सामान्य और स्लीपर क्लास को चुना, जबकि 4.7 प्रतिशत ने एसी क्लास को प्राथमिकता दी। शहरों के भीतर दैनिक आवागमन की जरूरतों को पहचानते हुए, रेलवे ने दैनिक यात्रियों के लिए 2,852 ट्रेनें शुरू कीं, जो कि पूर्व-कोविड युग में 2792 ट्रेनों से एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। रेलवे अधिकारी ने दैनिक यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि को स्वीकार करते हुए सभी श्रेणियों में अधिक ट्रेनें शुरू करने की योजना का संकेत दिया।

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