उत्तर प्रदेशमुजफ्फरनगरराज्य

*बैंक ने नीलामी से पहले ही कर डाला बड़ा कारनामा, श्रीराम स्वीट्स वालों की संपत्ति बेच डाली कम दामों में*

*बैंक ने नीलामी से पहले ही कर डाला बड़ा कारनामा, श्रीराम स्वीट्स वालों की संपत्ति बेच डाली कम दामों में*

– उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार पीड़ितों द्वारा की गई शिकायत तो पर तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं लेकिन फिर भी कुछ मामलों में समय से कार्यवाही नहीं हो पाती

ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरनगर शहर में सामने आया है, जिसमें पीड़ित ने आरोप लगाया है कि एक बैंक के मैनेजर ने कुछ लोगों के साथ साजिश करके दर्जनों मकान नीलाम कर दिए हैं, संपत्ति बैंक में बंधक है लेकिन नीलामी से पहले ही एक फाइनेंस कंपनी, उसी सम्पत्ति पर, एक ऐसे व्यक्ति को लाखों रुपये का लोन दे देती है, जो कुछ दिन बाद बैंक की नीलामी में उस सम्पत्ति को खरीदने वाला होता है, पीड़ित में बताया कि शिकायत करने पर भी इसमें कोई समाधान नहीं हो रहा है

मामला पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ा हुआ है। पीड़ित मैं जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब नेशनल बैंक के एक मुख्य प्रबंधक ने कुछ लोगों के साथ साजिश करके यह घोटाला किया है, यहां तक की पीड़ित ने आरोप लगाया है कि इस कार्य में बैंक प्रबंधक समेत एक रैकेट शामिल है, जो बैंक से नीलाम होने वाली सम्पत्तियों को औने पौने दाम में खरीद रहा है और कोई विरोध करता है तो अलग अलग लोगो से धमकी दिलवाता है

यह मामला भोपा रोड पर श्री राम स्वीट्स की दुकान का है ,जहां के समोसे शहर में बहुत प्रसिद्ध है। यह फर्म वित्तीय दबाव में आई, तो पंजाब नेशनल बैंक से लिया इसका लोन NPA हो गया, बैंक ने इन्हें नोटिस दिए, नोटिस देने के बाद बैंक ने संपत्ति पर कब्जा कर लिया और 12 अप्रैल 2022 को नीलामी करके सबसे बड़े बोली दाता को बेच भी दी। सरकारी तौर पर देखें तो यह आपको बैंक डिफॉलटर के साथ सामान्य बैंक प्रक्रिया ही नज़र आएगी।

लेकिन आप सुनकर ही चौंक जाएंगे, जो मकान अभी आपका है और बैंक में बंधक है और किसी वजह से बैंक उसको नीलाम करने की तैयारी कर रहा है, उसके कागज भी बैंक में जमा है, ऐसे में भी कोई अन्य वित्तीय संस्था, उसी प्रॉपर्टी पर 45 लाख का लोन उस व्यक्ति के नाम कर देती है, जो अगले महीने बैंक की नीलामी में उस सम्पत्ति को खरीदने वाला होता है।

बैंक प्रबंधक जसविंदर सिंह 12 अप्रैल को नीरज गोयल निवासी गाजावली को राम समोसे वाले, प्रदीप मित्तल की द्वारकापुरी स्थित सम्पत्ति,मकान नंबर 15, गली नंबर एक, सबसे बड़ी बोली होने के कारण, नीलाम करके बेच देते है,
जिसके बाद 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने की चिट्ठी जारी कर देते है, लेकिन जो सम्पत्ति अभी भी नीलामी की प्रक्रिया में ही है, उससे पहले ही, उस सम्पत्ति पर सेवी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी नयी दिल्ली 28 मार्च 22 को ही 45 लाख का लोन मंजूर कर देती है।
फाइनेंस कंपनी के प्रेम कुमार अग्रवाल कहते है कि लोन बैंक और खरीदार के बीच हुए लोन एग्रीमेंट के आधार पर मंजूर किया गया है, तो सवाल उठता है कि जब नीलामी ही 12 अप्रैल को हुई तो बैंक मैनेजर को एक महीना पहले ही कैसे पता था कि नीरज गोयल ही सबसे बड़े बोली दाता होंगे ?, और उनके साथ बैंक ने नीलामी से पहले ही सेल एग्रीमेंट कैसे कर लिया था ?
श्री राम स्वीट्स के मालिक प्रदीप मित्तल ने बताया कि उन्होंने एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत को 14 सितंबर और नई मंडी की सीओ रूपाली राव चौधरी को भी 16 सितंबर को लिखित शिकायत दे दी थी लेकिन दो हफ्ते हो चुके है,
कल ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने डीएम-एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित की शिकायत पर जांच तत्काल की जाए और हर महीने कुछ शिकायतों पर खुद डीएम – एसएसपी भी स्थल निरीक्षण करके उनका निस्तारण करे लेकिन आईजीआरएस प्रकरणों में भ्रामक रिपोर्ट लगाने वाले कर्मियों पर हो सख्त कार्यवाही,
शिकायत कर्ता प्रदीप मित्तल के मुताबिक इसमें सेवी फाइनेंस कंपनी के साथ, बैंक के चीफ मैनेजर और कई लोग शामिल है , जिनका एक बाकायदा गिरोह बना हुआ है ,जिन्होंने दर्जनों संपत्तियों को बैंक से मिलकर उन्हें औने पौने दाम में इसी तरह खरीद लिया है।

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