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25 मई से प्रारंभ हो रहे नौतपा में सूर्य देव का दिखेगा प्रचंड रूप, आईए जानते हैं इसका महत्व

25 मई से प्रारंभ हो रहे नौतपा में सूर्य देव का दिखेगा प्रचंड रूप, आईए जानते हैं इसका महत्व

सनातन धर्म में नौतपा का बड़ा अधिक महत्व माना जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल नौतपा का प्रारंभ 25 मई से होगा और इस दौरान सूर्य आग उगलन भी प्रारंभ कर देते हैं .25 मई से शुरू हुए इस नौतपा का समापन 2 जून को होगा. ज्योतिष गणना के अनुसार 25 मई को सुबह 3:16 पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. उसके बाद 2 जून को सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र में जाएंगे. ऐसा कहा जाता है कि सूर्य जितने दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं उतने दिन भीषण गर्मी का एहसास होता है और इसी अवधि को नौतपा कहा जाता है, चलिए इस रिपोर्ट में आज जानते हैं क्या होता है नौतपा का धार्मिक महत्व.

हिंदू पंचांग ज्येष्ठ मास की ग्रीष्म ऋतु नौतपा को अधिक गर्मी का संकेत माना जाता है. नौतपा शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से 9 नक्षत्रों में 15 दोनों का तक होता है लेकिन शुरू के 9 दिनों तक सबसे अधिक गर्मी होने की वजह से नौतपा के नाम से जानते हैं धार्मिक दृष्टि से यह दिन 15 दिनों तक रहता है इन दिनों में तापमान सबसे अधिक होता है .

नौतपा के दौरान करें ये उपाय
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि नौतपा के दौरान विधि-विधान से सूर्यदेव की उपासना करने से कुंडली में इस ग्रह की स्थिति मजबूत होती है. ऐसे में रोज सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे में जल का अर्घ्य देते हुए सूर्य को देखें. ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार बना रहता है. नौतपा के दौरान जल, दही, दूध , नारियल पानी और ठंडे पदार्थों का सेवन करना चाहिए साथ ही इन वस्तुओं को दान देना चाहिए.

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