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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण पत्र के साथ क्यों बांटे जा रहे हैं पीले चावल, क्या है धार्मिक महत्व?

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण पत्र के साथ क्यों बांटे जा रहे हैं पीले चावल, क्या है धार्मिक महत्व?

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर राम भक्तों का उत्साह अब चरम पर आ चुका है. क्योंकि कुछ ही दिनों के बाद रामलला बाल रूप में घर वापिस लौट रहे हैं. जिसको लेकर पूरे देश में इस वक्त जश्न का माहौल बना हुआ है. रामभक्त घर-घर जाकर लोगों को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रण पत्र दे रहे हैं.

Ayodhya Ram Mandir : रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा राम महोत्सव पर 22 जनवरी को होने वाले भव्य कार्यक्रम में आमंत्रण के लिए रामभक्तों की टोली घर -घर पहुंच रही है. हर कोई इस पावन दिन का हिस्सा बनें, इसलिए सभी को पीले चावल के साथ आमंत्रण पत्र भी दिया जा रहा है. देशभर में जगह-जगह कलश यात्रा निकाली जा रही हैं, जिसमें हजारों की सख्या में राम भक्त जुड़ रहे हैं.

भगवान राम के स्वागत के लिए कलश यात्रा के साथ -साथ कई जगहों पर रामभक्तों के द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जा रहा है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. जिसको लेकर अयोध्या में ही नहीं देशभर के मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलित कर राम महोत्सव मनाया जाएगा. साथ ही मंदिरों में सुंदरकांड, अखंड रामायण पाठ का जाप भी किया जाएगा.

पीले चावल का धार्मिक महत्व?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी पूजा पाठ का कार्य हो उसमें चावल का उपयोग जरूर किया जाता है. हिंदू धर्म में धार्मिक कार्य के दौरान तिलक लगाया जाता है, तो उसमें भी चावल लगाया जाता है. कहा जाता है पीले चावल का उपयोग करने से देवी – देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं. इसलिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मौके पर आमंत्रण पत्र के साथ पीले चावल को भी दिया जा रहा है. मान्यता है पीले चावल से किसी भी शुभ कार्य में सफलता जरूर मिलती है. इसलिए रामलला प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मौके पर भी अक्षत यानी पीले चावलों का उपयोग किया जा रहा है.

आमंत्रण पत्र में क्या लिखा है?

विश्व के रामभक्तों से निवेदन है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन वो पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 1.00 बजे के मध्य अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर के आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके, भजन कीर्तन करें, टेलीविजन या कोई कोई पर्दा L.E.D , स्क्रीन लगाकर अयोध्या का प्राण प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें.

दीपक जलाने का निवेदन

रामभक्त घर -घर जाकर पीले चावल तो दे ही रहे हैं, साथ ही वो एक आमंत्रण पत्र भी दे रहे हैं. जिसमें लिखा है कि आप लोग सपरिवार अयोध्या में आकर प्रभु श्रीराम जी की कृपा प्राप्त करें. साथ ही उन रामभक्तों के लिए भी लिखा है जो किसी कारणवश नहीं आ सकते हैं तो वो जिस जगह पर भी हों शाम के समय अपने घर के सामने दीपक जलाएं. इस दिन को ठीक उसी तरह मनाने की अपील की जा रही है जैसे सब लोग दिवाली के दिन दीपक जलाकर दीपोत्सव मनाते हैं.

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