*पिछले दस वर्षो में रबी की प्रमुख फसलों की कीमत नही हुई दोगनी तो कैसे बढ़ेगी किसानो की आमदनी- धर्मेंद्र मलिक*
*पिछले दस वर्षो में रबी की प्रमुख फसलों की कीमत नही हुई दोगनी तो कैसे बढ़ेगी किसानो की आमदनी- धर्मेंद्र मलिक*

सरकार ने डॉ एमएस स्वामीनाथन को सच्ची श्रद्धांजलि देने का मौका गवाया
केंद्र सरकार ने कल (विपणन वर्ष 2024-25) एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि मसूर (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल, जौ के लिए 115 और चने के लिए 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है।गेहूं का दाम 2275 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जबकि सरसों का दाम 5650 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों का केवल लागत खर्च ही निकल सकेगा। पिछले 10 साल में रबी की प्रमुख फसलों का #MSP दोगुना भी नहीं हुआ। फिर किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी? चने का MSP इस साल सिर्फ 1.96% बढ़ा है। बढ़ती लागत और घटता मुनाफा खेती को घाटे का सौदा बनाते हैं। किसानो को उचित लाभकारी मूल्य मिलना उनका अधिकार है लेकिन मुद्रास्फीति दर को नियंत्रित करने के लिए किसानो को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
हालाकि गेहूं के।समर्थन मूल्य में पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है।
भारत सरकार के पास किसानो को लागत पर 50% जोड़कर लाभकारी मूल्य घोषित कर डॉ एमएस स्वामीनाथन जी को सच्ची श्रद्धांजलि देने का अवसर था जिसे भारत सरकार ने खो दिया है।
भवदीय
धर्मेंद्र मलिक
राष्ट्रीय प्रवक्ता
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक