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*श्री कृष्ण जन्माष्टमी बुधवार 6/9/2023 को मनाना और व्रत करना क्यों है श्रेष्ठ , पढ़िए पूरे तथ्यों को हिंदुस्तान लाइव टुडे पर*

*श्री कृष्ण जन्माष्टमी बुधवार 6/9/2023 को मनाना और व्रत करना क्यों है श्रेष्ठ , पढ़िए पूरे तथ्यों को हिंदुस्तान लाइव टुडे पर*

…..सर्व साधारण की सुविधा के लिए प्रत्येक अच्छे पंचांग में त्योहारों के साथ स्मार्त या वैष्णव शब्द से उल्लेख किया जाता है, इसका मतलब यह है कि, जहां स्मार्त लिखा हो वह व्रतादि ही (गृहस्थों- बाल बच्चेदार) के करने योग्य होता है.
…..जहां वैष्णव का उल्लेख हो वहाँ, सन्यासी, मठ-मंदिर, महाभागवत, निम्बार्क, चक्रांकित महाभागवत, आदि के करने योग्य होता है. इनके नाना प्रकार के अखाड़े हैं, अपने अपने रीति-रिवाज हैं, अपनी परम्पराएं हैं.
…..गृहस्थों को स्मार्त निर्णय ही ग्रहण करना चाहिए.
….. स्मार्त शब्द का मूल स्मृति है.
…..स्मृति का मतलब है ‘सनातन धर्म का संविधान’.
….. इस वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार 06 सितंबर 2023 दिन बुधवार को पड़ रहा है।
…..भारतीय स्टैण्डर्ड समयानुसार बुधवार सूर्योदय से लेकर दोपहर 03/38 तक सप्तमी तिथि रहेगी, तत्पश्चात् अष्टमी तिथि प्रारम्भ होगी जो कि अगले दिन 07 सितंबर 2023 दिन गुरुवार को दिन 04/15 तक रहेगी, तत्पश्चात् नवमी तिथि लग जाएगी।
…..06 सितंबर 2023 दिन बुधवार को सूर्योदय से दिन 09/20 तक कृत्तिका नक्षत्र रहेगा, तत्पश्चात् रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ होगा जो कि अगले दिन 07 सितंबर 2023 गुरुवार को दिन 10/25 मिनट तक रहेगा, तत्पश्चात् मृगशिरा नक्षत्र लगेगा।
….ध्यातव्य है कि इस वर्ष अष्टमी तिथि, बुधवार और रोहिणी नक्षत्र का परम पुनीत संयोग बन रहा है।
…..उल्लेखनीय है कि योगेश्वर कृष्ण जी का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र में रात्रि १२ बजे वृष लग्न में हुआ था, तिथि (अष्टमी ) नक्षत्र ( रोहिणी ) का संयोग होने से इसे (श्रीकृष्ण जयन्ती) योग कहा जाता है।
…..उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बुधवार को श्रीकृष्ण जयन्ती योग स्पष्ट है।
…. एक और तथ्य की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा, कि हमारे शास्त्रों के अनुसार ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ मनाए जाने का निर्देश है। अर्थात् जन्म की अष्टमी.
….अतः यह पावन त्यौहार स्मार्तों (गृहस्थों) को बुधवार को मनाया जाना धर्मसम्मत है। गृहस्थों को बुधवार ही ग्रहण करना चाहिए.
….. वैष्णव पंथ में दीक्षित मंदिर मठों आदि में उदयकालीन तिथि मानते हैं, वह निर्णय गृहस्थों के लिए नहीं है।
…..जय महाशक्ति. जय महादेव.

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