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Maharashtra में पवार चाचा-भतीजे की जोड़ी ने ऐसी गुगली डाली कि सारे राजनीतिक दल बोल्ड हो गये हैं

Maharashtra में पवार चाचा-भतीजे की जोड़ी ने ऐसी गुगली डाली कि सारे राजनीतिक दल बोल्ड हो गये हैं

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले के बाद अब पार्टी संस्थापक शरद पवार ने भी कह दिया है कि अजित पवार पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। हम आपको बता दें कि यह बयान ऐसे समय आया है जब शरद पवार और अजित पवार की बार-बार हो रही मुलाकातों से संशय का माहौल उत्पन्न हुआ है। यह वाकई हैरत की बात है कि एक ओर शरद पवार विपक्षी गठबंधन इंडिया की मुंबई बैठक की तैयारियों को अंतिम रूप दिये जाने वाली बैठक में शामिल हो रहे हैं तो वहीं वह और उनकी बेटी सुप्रिया सुले महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो चुके अजित पवार को एनसीपी का वरिष्ठ नेता बता रहे हैं। देखा जाये तो शरद पवार अपनी विश्वसनीयता को खुद ही संदेह के घेरे में ला रहे हैं। संभव है कि विपक्षी दल अब उनसे चौकन्ना होकर रहें।

यहां सवाल यह भी उठता है कि यदि अजित पवार को शरद पवार एनसीपी का वरिष्ठ नेता बता रहे हैं तो फिर दंगल क्या था जो दो जुलाई को चाचा और भतीजे के बीच देखने को मिला था। अजित पवार जब एनसीपी के कई वरिष्ठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए तो एनसीपी विभाजित नजर आ रही थी। अजित पवार ने खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर चुनाव आयोग के समक्ष पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा ठोंक दिया था तो दूसरी ओर शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल समेत कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा था कि असली पार्टी उनके पास है। हम आपको याद दिला दें कि चाचा और भतीजे के बीच ऐसा ही राजनीतिक ड्रामा तब भी देखने को मिला था जब 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के तुरंत बाद अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में तड़के शामिल होकर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। बाद में शरद पवार ने खुद ही खुलासा किया था कि यह सारा उनका ही खेल था। इसलिए सवाल उठता है कि महाराष्ट्र में एमवीए सरकार गिरने के बाद जो खेल शुरू हुआ क्या उसमें भी पवार की भूमिका है। चाचा और भतीजे की यह जोड़ी जो राजनीतिक गुल खिला रही है उसने महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा बवाल मचा दिया है। हम आपको यह भी बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि शरद पवार जल्द ही मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में समझ जायेंगे और एनडीए सरकार में शामिल होंगे।

जहां तक शरद पवार के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि पार्टी में कोई फूट नहीं है और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पार्टी के नेता बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नेताओं ने ‘‘अलग राजनीतिक रुख’’ अपनाकर राकांपा छोड़ दी है, लेकिन इसे पार्टी में फूट नहीं कहा जा सकता। पवार ने पुणे जिले में अपने गृहनगर बारामती में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात की। उन्होंने कहा, ‘‘कोई कैसे कह सकता है कि राकांपा में फूट है? इसमें कोई संशय नहीं है कि अजित पवार हमारी पार्टी के नेता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी राजनीतिक दल में फूट का मतलब क्या है? फूट तब होती है जब किसी पार्टी का एक बड़ा समूह राष्ट्रीय स्तर पर अलग हो जाता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी, कुछ ने अलग रुख अपना लिया… लोकतंत्र में निर्णय लेना उनका अधिकार है।’’

हम आपको यह भी बता दें कि अभी एक दिन पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने पार्टी में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की स्थिति को लेकर कहा था कि वह ‘‘पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और विधायक’’ हैं। अजित पवार के बारे में बारामती से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अब, उन्होंने एक ऐसा रुख अपनाया है जो पार्टी के खिलाफ है, और हमने विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत दी है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।’’ जब सुले से उनके इस बयान के बारे में पूछा गया कि राकांपा को तोड़ने की तीन कोशिशें की गईं, तो उन्होंने दावा किया कि पार्टी को तोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए, जो ‘‘कभी सफल और कभी असफल रहे।’’

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