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जंग की आग में जले Ukraine गए भारतीय छात्रों का हो रहा विरोध, स्थानीय लोगों ने कहा- लौट जाओ

जंग की आग में जले Ukraine गए भारतीय छात्रों का हो रहा विरोध, स्थानीय लोगों ने कहा- लौट जाओ

भारत के कई छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेशों में जाते है। विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए भारत से छात्रों का जाना काफी आम है। इसी बीच यूक्रेन में भी कई भारतीय छात्र अपनी डिग्री पूरी करने के उद्देश्य से लौट गए है। युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में भारतीय छात्रों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।

दरअसल अपनी मेडिकल की डिग्री को पूरा करने युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में कई भारतीय छात्र फिर से पहुंचे है। मगर उन्हें यूक्रेन में रहने नहीं दिया जा रहा है। यूक्रेन के स्थानीय लोग भारतीय छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे है। कई मामलों में छात्रों को वापस लौटने की बात भी स्थानीय लोग कह रहे है। यूक्रेन के लोघ छात्रों को देखकर ‘वापस जाओ-वापस जाओ’ के नारे लगाने से भी बाज नहीं आए है।

गौरतलब है कि भारत और रूस के संबंध हमेशा से अच्छे रहे है। यूक्रेन में इस कारण से ही भारतीयों और भारतीय छात्रों का काफी विरोध हो रहा है। यूक्रेन में लोग भारत को रूस का समर्थक मान रहे है। वहीं रूस-यूक्रेन मामले पर भारत ने कभी भी खुलकर कुछ नहीं कहा है। गौरतलब है कि जून में यूक्रेन ने नए सिरे से आक्रामक अभियान की शुरुआत की है, जिसके बाद से ये शत्रुता अधिक बढ़ गई है।

इस संबंध में टाइम्स ऑफ इंडिया में भी खबर में पुष्टि की गई है कि यूक्रेन के स्थानीय लोग भारतीय छात्रों को देश छोड़ने के लिए कह हे है। बीते आठ सप्ताहों के दौरान ये स्थिति काफी खराब हो गई है। छात्रों को स्थानीय लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है।

छात्र लगातार खराब होती स्थिति के बीच में राज्य सराकर और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पूरी जानकारी मुहैया कर रहा है और मदद की मांग कर रहे है। यूक्रेन में पढ़ने गए भारतीय छात्रों का कहना है कि उन्हें यूक्रेन से किसी अन्य यूनिवर्सिटी से ट्रांसफर दिलवाया जाए। हालांकि इस दिशा में अब तक छात्रों को सफलता नहीं मिली है। आंकड़ों के मुताबिक यूक्रेन में जब हमला हुआ था उसके बाद कुछ ही सप्ताह में वहां से लगभग 18 हजार छात्रों को सकुशल भारत के लिए निकाला गया था।

छात्रों को उम्मीद थी की यूक्रेन से आने के बाद उन्हें भारत में ही संस्थानों में एडमिशन दिया जाएगा या अन्य विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लि भेजा जाएगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। यूक्रेन में हालत सुधरने के साथ ही 2023 जनवरी के महीने में लगभग 3400 छात्र वापस यूक्रेन लौटे है। उन्हें उम्मीद है कि वो यहां रहकर अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे।

युद्ध काफी लंबा खिंचा है। इसी बीच यूक्रेन के स्थानीय लोगों का विरोध भारतीय छात्रों के खिलाफ बढ़ता जा रहा है। छात्रों का कहना है कि यूक्रेन के लोग कहते हैं कि भारत रूस का अच्छा दोस्त है। वो चाहते हैं कि भारत के सभी लोग यूक्रेन छोड़ दें और अपने देश लौट जाएं। स्थानीय लोग छात्रों को सामान बेचने में भी आनाकानी करते है। हॉस्टल में रहने के दौरान भी इसी तरह के व्यवहार का छात्रों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी, स्थानीय लोग, हर तरफ से छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि यूक्रेन में वो डर में जीने को मजबूर हैं जबकि उनकी हालत देखकर भारत में उनके परिवार भी परेशान है।

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