अफगानिस्तान की स्थिति खतरनाक मोड़ पर, मोदी सरकार की चुप्पी चिंताजनक और रहस्यमय: कांग्रेस
अफगानिस्तान की स्थिति खतरनाक मोड़ पर, मोदी सरकार की चुप्पी चिंताजनक और रहस्यमय: कांग्रेस

अफगानिस्तान में तालिबान पूरी तरह से अपना कब्जा जमा चुका है। अफगानिस्तान की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इन सब के बीच अब अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर भारत की राजनीति तेज होने लगी है। कांग्रेस की ओर से आज इस पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बड़ा बयान दिया है। एक संवाददाता सम्मेलन में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति बहुत ख़तरनाक मोड़ लिए है। भारत के सामरिक हित अफ़ग़ानिस्तान के मामले में दांव पर लगे हैं। हमारे राजदूतों, हमारे नागरिकों की सुरक्षा दांव पर है। हम भारत सरकार से एक परिपक्व रणनीतिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं।
नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की चुप्पी चिंताजनक और रहस्यमय है। प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को सामने आकर बताना चाहिए कि हमारे राजदूत और नागरिक किस प्रकार से सुरक्षित वापस आएंगे और अफ़ग़ानिस्तान के साथ हमारे भविष्य की रणनीति क्या होगी: रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस
नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की चुप्पी चिंताजनक और रहस्यमय है। प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को सामने आकर बताना चाहिए कि हमारे राजदूत और नागरिक किस प्रकार से सुरक्षित वापस आएंगे और अफ़ग़ानिस्तान के साथ हमारे भविष्य की रणनीति क्या होगी: रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस https://t.co/Ixi35QZfGZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2021
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुरजेवाला ने केंद्र की मोदी सरकार से भी सवाल किए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की चुप्पी चिंताजनक और रहस्यमय है। प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को सामने आकर बताना चाहिए कि हमारे राजदूत और नागरिक किस प्रकार से सुरक्षित वापस आएंगे और अफ़ग़ानिस्तान के साथ हमारे भविष्य की रणनीति क्या होगी। आपको बता दें कि काबुल की दहलीज पर खड़े तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में शांति के नए युग का वादा किए जाने के बावजूद आम अफगानों के दिलों में क्रूर शासन की वापसी का डर घर करने लगा है। तमाम लोगों को डर है कि तालिबान उन सभी अधिकारों को समाप्त कर देगा जो पिछले करीब दो दशक में कड़ी मशक्कत से महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय ने हासिल किए थे।
दूसरी ओर सुष्मिता देव के पार्टी छोड़ने को लेकर फिलहाल सुरजेवाला ने कोई आधिकारिक टिप्पणी तो नहीं की लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि मैंने सुष्मिता देव से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन ऑफ था। उनका कोई पत्र आज तक सोनिया गांधी को नहीं मिला है। सुष्मिता देव अपने विवेक से और सोच समझकर निर्णय करेंगी। जब तक उनसे पूरी बात नहीं हो जाती इससे ज़्यादा कहना अनुचित होगा।