गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर लोगों के विरोध के बाद रद्द हुआ तिरंगा फहराने का कार्यक्रम, CM ने इसे भारत विरोधी गतिविधियां बताया
गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर लोगों के विरोध के बाद रद्द हुआ तिरंगा फहराने का कार्यक्रम, CM ने इसे भारत विरोधी गतिविधियां बताया

पणजी। दक्षिण गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर तिरंगा फहराने को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। जिसके बाद नौसेना ने कार्यक्रम को रद्द कर दिया। आपको बता दें कि दक्षिण गोवा के निवासियों का कहना है कि वो नहीं चाहते हैं कि यहां पर केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारी झंडा फहराएं। ऐसे में नौसेना ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया।
इस मामले में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का भी बयान सामने आया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि सेंट जैसिंटो द्वीप पर कुछ लोगों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नौसेना द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने पर आपत्ति जताई है। इसकी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी सरकार इस तरह के कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
It is unfortunate and shameful that some individuals at St Jacinto Island have objected to Hoisting of the National Flag by the Indian Navy on the occasion of India's Independence Day. I condemn this and want to state on record that my Government will not tolerate such acts.1/2
— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) August 13, 2021
वहीं प्रमोद सावंत ने नौसेना से अनुरोध किया है कि वो अपने तय कार्यक्रम के हिसाब से वहां पर झंडा फहराए। इसके साथ ही उन्होंने गोवा पुलिस से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों से सख्ती से निपटा जाएगा। हमेशा राष्ट्र प्रथम रहेगा।
दरअसल, द्वीप के निवासियों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह लोग तिरंगा फहराए जाने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गांव के लोग स्वयं तिरंगा फहराएंगे।
अंग्रेजी समाचार वेबसाइट ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक नौसेना ने कहा कि स्वतंत्रता के 75वें साल में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत रक्षा मंत्रालय ने 13 से 15 अगस्त, 2021 के बीच देशभर के द्वीपों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना बनाई है। गोवा नौसेना क्षेत्र की एक टीम ने साओ जैसिंटो द्वीप सहित गोवा के द्वीपों का दौरा किया। लेकिन जैसिंटो द्वीप पर होने वाले कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा क्योंकि यहां के निवासियों ने इसका विरोध किया था। ये पहल देशभर में देशभक्ति की भावना जगाने और आजादी के 75वें वर्ष तक जश्न मनाने के लिए की गई थी।