ट्रेनिंग करने के लिए Bodybuilder को चाहिए थी शांति की जगह, ढूंढ ली ऐसी जगह जहां जाने से सब डरते हैं
ट्रेनिंग करने के लिए Bodybuilder को चाहिए थी शांति की जगह, ढूंढ ली ऐसी जगह जहां जाने से सब डरते हैं

आमतौर पर लोग वेट ट्रेनिंग करने के लिए जिम जाते है। जिम में कहीं लाउड तो कहीं सूदिंग म्यूजिक के बीच लोग अपना वर्कआउट करना पसंद करते है। वर्कआउट करने के लिए हर व्यक्ति को अपने अनुसार कुछ खास एवायरमेंट की जरुरत होती है, जो हर व्यक्ति को मोटिवेट करता है।
मगर कुछ लोगों को मोटिवेशन इतनी आसानी से नहीं मिलती है। मोटिवेशन ढूंढने के लिए कुछ लोग सारी हदों को पार कर देते हैं और चर्चा में आ जाते है। आपको ऐसी ही एक महिला बॉडीबिल्डर के बारे में बताते हैं जिनका ट्रेनिंग रूटिन ऐसा है जिसे सनुकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते है। आमतौर पर जिस जगह जाने के नाम पर लोग डर के मारे थर थर कांपने लगते है ये महिला वहां जाकर बॉडीबिल्डिंग करती है।
बता दें कि ये महिला लंदन में रहती है, जो 53 वर्षीय एंड्रिया सनशाइन है। वो अपनी फिटनेस के लिए जानी जाती है, जो कि दिन में आठ घंटे तक वर्क आउट करती है। आमतौर पर लोग दो से तीन घंटे वर्कआउट ही करते हैं, मगर ये महिला दिन में पूरे आठ घंटे तक वर्कआउट करती है। वो महीने में रोज 150 अंडे खाती है।
कब्रिस्तान में लगाती हैं रोज दौड़
एंड्रिया जिम में जाकर ट्रेडमिल पर दौड़ना पसंद नहीं करती और ना ही किसी पार्क में दौड़ लगाती है। वो एक्सरसाइज करने और दौड़ने के लिए कब्रिस्तान मे दौड़ती है। कब्रिस्तान में ट्रेनिंग करने के संबंध में उन्होंने खास कारण भी बताया है। वो कहती है कि जिम की जगह कब्रिस्तान में ट्रेनिंग करने से उन्हें शांति मिलती है। इसलिए वो जिम में ही एक्सरसाइज करना पसंद करती है।
उन्होंने बताया कि कब्रिस्तान में एक्सरसाइज करना या दौड़ना आसान नहीं है। एक वाक्या साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वो एक बार जिम की तरफ जा रही थी तब किसी व्यक्ति ने उनका रास्ता रोका और उन्हें जिम जाने से रोका। मगर एंड्रिया ने इसे नजरअंदाज किया और दौड़ती रही। सिर्फ यही नहीं उन्होंने कब्रिस्तान में एक्सरसाइज करने के लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित किया है जो उनके साथ यहां एक्सरसाइज करते है। कई लोगों को अकेले, खुले में और शांति में एक्सरसाइज करना पसंद है। उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान उनके लिए कोई खतरे वाली जगह नहीं है बल्कि उन्हें कब्रिस्तान खूबसूरत लगता है। यहां उन्हें खास शांति का भी अनुभव होता है।