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लालू परिवार में सब कुछ ठीक नहीं! तेजप्रताप के पोस्टर से तेजस्वी गायब

लालू परिवार में सब कुछ ठीक नहीं! तेजप्रताप के पोस्टर से तेजस्वी गायब

लालू परिवार में सब कुछ ठीक नहीं! तेजप्रताप के पोस्टर से तेजस्वी गायब

भले ही आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव अब सक्रिय राजनीति में दिखने लगे हैं। बेल मिलने और जेल से बाहर होने के बाद वह लगातार राजनीतिक गतिविधियों को लेकर बैठक रहे हैं। लेकिन जो खबरें पटना से आ रही है उसमें आरजेडी के लिए अच्छे संकेत नहीं है। आरजेडी में एक बार फिर से अंदरूनी कला की शुरुआत हो चुकी है। सूत्र बता रहे हैं कि तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। यह तब सामने भी आ गया जब तेज प्रताप के कार्यक्रम के पोस्टर से तेजस्वी की फोटो गायब थी। दरअसल, पटना में आरजेडी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें तेज प्रताप यादव मुख्य अतिथि थे। यह बैठक छात्र आरजेडी की थी। तेज प्रताप यादव छात्र आरजेडी के संरक्षक भी हैं।

इस बैठक में छात्र आरजेडी के बड़े पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष और विश्वविद्यालय अध्यक्ष भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम को लेकर पटना में जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगाए गए थे। इस पोस्टर में लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की फोटो थी। छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को भी तस्वीर में जगह दी गई थी। लेकिन हैरानी की बात है कि आरजेडी के पोस्टर बॉय तेजस्वी यादव गायब थे। जब इसी को लेकर तेजप्रताप से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि तेजस्वी मेरे दिल में है। होर्डिंग और पोस्टर से क्या होता है। तेजस्वी मेरे अर्जुन है और होने वाले मुख्यमंत्री हैं। इस पर अब राजनीति शुरू हो गई है। जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि लालू परिवार हमेशा अवसरवादी होने का सबूत पेश करता है। चुनाव से पहले तेजस्वी ने लालू और राबड़ी का फोटो हटा दिया था। अब चुनाव बाद लालू और राबड़ी वापस आ गए लेकिन तेज प्रताप के पोस्टर से उनके भाई ही निकल गए।

दूसरी ओर खबर यह भी है कि आरजेडी में तेजस्वी यादव और ग्रुप तेज प्रताप के बयानों से आज सहज होता दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि तेज प्रताप और तेजस्वी यादव में दूरियां होने लगी है। हाल में ही राजद के एक कार्यक्रम में तेज प्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर तक कह डाला था। उन्होंने कहा था कि पार्टी कार्यालय का मेन गेट अध्यक्ष की मर्जी से खुलता है और बंद होता है। पिताजी के समय यह दरवाजा हमेशा खुला रहता था। तेज प्रताप ने तो यह तक कह दिया कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं।

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