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ओलंपिक में इतिहास बदलेगा भारत ! झोली में आए 5 पदक, 3 की उम्मीद बरकरार, इन खिलाड़ियों पर है पूरा दारोमदार

ओलंपिक में इतिहास बदलेगा भारत ! झोली में आए 5 पदक, 3 की उम्मीद बरकरार, इन खिलाड़ियों पर है पूरा दारोमदार

ओलंपिक में इतिहास बदलेगा भारत ! झोली में आए 5 पदक, 3 की उम्मीद बरकरार, इन खिलाड़ियों पर है पूरा दारोमदार

बाकी ओलंपिक की तुलना में टोक्यो ओलंपिक-2020 भारत के लिए शानदार रहा है। भारत अब तक 5 पदक जीत चुका है। इसके अलावा अब भी तीन पदक की उम्मीद है। सबसे खास बात तो यह है कि भारत ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6 पदक जीतकर किया हुआ है। लेकिन इस बार उम्मीद है कि भारत कम से कम 8 पदक तो जीत सकता है। भारत के लिए सबसे अच्छी बात तो यह रही कि इस बार हॉकी में उसे 1 पदक मिला है। भारत का हॉकी में गौरवशाली इतिहास रहा है और टोक्यो ओलंपिक से उसने अपने राष्ट्रीय खेल को एक नई दिशा देने की कोशिश की है। भारत ने अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन लंदन ओलंपिक 2012 में किया है जहां उसे 6 पदक हासिल हुए थे।

भारत को अभी 3 पदक की उम्मीद है। भले ही रेसलर बजरंग पुनिया सेमीफाइनल में प्रवेश से चूक गए हैं। लेकिन अब भी वह कांस्य पदक के लिए खेलेंगे। इसके अलावा नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो के फाइनल में प्रवेश कर चुके है। ऐसे में उनके हालिया प्रदर्शन को देखें और उनसे पदक की उम्मीद की जा सकती है। भारत के लिए अच्छी बात यह भी है कि गोल्फर अदिति अशोक के लिए टोक्यो ओलंपिक अच्छा रहा है। अदिति अशोक महिलाओं के व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले के तीसरे दौर में दूसरे स्थान पर हैं। अदिति के पास पदक जीतने का शानदार मौका है। अगर 7 अगस्त को होने वाला फाइनल राउंड नहीं होता है तो उनके लिए सिल्वर मेडल पक्का है। माना जा रहा है कि खराब मौसम के कारण 7 अगस्त के फाइनल राउंड में बाधा आ सकती है।

अगर यह तीनों खिलाड़ी पदक हासिल करने में कामयाब हो जाते हैं तो भारत के खाते में टोक्यो ओलंपिक में कुल 8 पदक आ जाएंगे। इसका मतलब साफ है कि ओलंपिक इतिहास में भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा। टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए मेडल का खाता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने खोला और सिल्वर पदक जीता। उनके बाद पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में कांस्य पदक पर कब्जा किया। स्टार बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन भी शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। रवि दहिया भले ही 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में गोल्ड पदक से चूक गए लेकिन उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया। इसके अलावा भारत के लिए सबसे अच्छी बात रही कि उसने 41 साल बाद हॉकी में कमाल किया है और कांस्य पदक जीतने में कामयाबी हासिल की।

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