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अपने पहले ओलंपिक में स्वर्ण से चूके रवि दहिया मगर देश को दिलाया रजत पदक

अपने पहले ओलंपिक में स्वर्ण से चूके रवि दहिया मगर देश को दिलाया रजत पदक

अपने पहले ओलंपिक में स्वर्ण से चूके रवि दहिया मगर देश को दिलाया रजत पदक

टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारतीय पहलवान रवि दहिया ने फाइनल में रूस के खिलाड़ी जावुर युगुऐव को पटकनी नहीं दे पाए। इसी के साथ ओलंपिक 2020 में भारत का स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया। शुरुआती मिनटों में रूस के जावुर युगुऐव ने रवि दाहिया के खिलाफ बढ़त बना ली थी। इस मुकाबले में रूस के खिलाड़ी जावुर युगुऐव हावी दिखाई दी। मुकाबले को बीच में एक बार रोका भी गया था क्योंकि जावुर युगुऐव को पैरों में तकलीफ महसूस हो रही थी।

इससे पहले सेमीफाइनल में रवि दहिया का दबदबा था। उन्होंने 57 किलोवर्ग में खेले गए मुकाबले को तकनीकी दक्षता के आधार पर जीता। सेमीफाइनल में उनका सामना कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव से हुआ था। जहां पर उन्होंने रवि दाहिया के बाजू पर दांत से काट लिया था।

निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत की तरफ से ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी थी। उन्होंने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सोने का तमगा हासिल किया था। कुश्ती में भारत का यह दूसरा रजत पदक है। इससे पहले सुशील कुमार लंदन ओलंपिक 2012 के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था।

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