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मैं मासूम हूं! अधूरा रह जाएगा ट्रंप का दोबारा राष्ट्रपति बनने का सपना? खुफिया दस्तावेज मामले में आरोपित

मैं मासूम हूं! अधूरा रह जाएगा ट्रंप का दोबारा राष्ट्रपति बनने का सपना? खुफिया दस्तावेज मामले में आरोपित

आपके नजर में डोनाल्ड ट्रंप की पहचान क्या है? एक बड़े बिजनेसमैन, झूठ बोलने, दंगा भड़काने या परमाणु बम की धमकी देने वाले राष्ट्रपति की या फिर एक ऐसे विपक्षी नेता की जो तमाम विरोधाभासों के बावजूद फिर से अमेरिका का राष्ट्रपति बनना चाहता है। लेकिन ट्रंप लगातार किसी न किसी विवाद या कानूनी पचड़े में नजर आ रहे हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 2021 में राष्ट्रपति के रूप में पद छोड़ने के बाद वर्गीकृत आधिकारिक दस्तावेजों को गलत तरीके से संभालने के आरोप में 8 जून की देर रात अभियोग लगाया गया, जिससे वह संघीय सरकार द्वारा लाए गए आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले अमेरिकी इतिहास के पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए। ट्रंप पर आरोप है कि व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद भी ट्रंप ने सैंकड़ों गोपनीय दस्तावेजों को अपने पास रखा। साथ ही गलत बयानबाजी भी की।

क्या है ट्रंप का गोपनीय दस्तावेज मामला?

राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद जनवरी में ट्रम्प के पद छोड़ने के कुछ महीनों बाद, उन्हें कुछ वर्गीकृत सरकारी दस्तावेजों को अपने कब्जे से सौंपने के लिए कहा गया था। सरकार की राष्ट्रीय अभिलेखागार और अभिलेख एजेंसी (एनएआरए) ने उन्हें सूचित किया कि वह मूल अभिलेखों के कम से कम दो दर्जन बक्सों को वापस करने में विफल रहे हैं। हालांकि कई महीने बाद करीब 200 गोपनीय दस्तावेज लौटाए गए। एफबीआई ने अगस्त 2022 में ट्रंप के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें एफबीआई को 100 से ज्यादा गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए थे। अपने ऊपर लगे आरोपों पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि ये संभव है कि अमेरिका के पूर्व प्रेसिडेंट के साथ ऐसा हो सकता है। उन्होंने बाद में एक अन्य पोस्ट में लिखा कि मैं मासूम आदमी हूं।

ट्रंप पर पहले से ही क्रिमिनल केस दर्ज

जनवरी 2018 में अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपे लेख में दावा किया गया कि ट्रंप के तत्कालीन वकील माइकल कोहेन ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले अक्टूबर 2016 में पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1.30 लाख डॉलर का भुगतान किया था। इसके बदले ट्रंप के साथ अफेयर पर स्टॉर्मी डेनियल्प को चुप्पी साधनी थी। कानूनन ये भुगतान अवैध नहीं था, लेकिन ट्रम्प ने कोहेन के जरिए यह फंड दिया तो कोहेन ने इसे लीगल फीस के रूप में दर्ज किया। ऐसे में यह ट्रंप की ओर से दस्तावेजों के साथ हेरफेर का मामला है, जो न्यू यॉर्क में आपराधिक कृत्य है।

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