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Canada wildfire smoke: जंगल की आग से कई देशों की सांसों पर खतरा, सभी मिलकर भी नहीं कर पा रहे काबू, जानिए इसकी वजह?

Canada wildfire smoke: जंगल की आग से कई देशों की सांसों पर खतरा, सभी मिलकर भी नहीं कर पा रहे काबू, जानिए इसकी वजह?

कनाडा के जंगलों की आग बुझने की बजाए हर दिन बढ़ रही है। जंगल की इस आग से कई देशों की सांसों पर खतरा तक पैदा हो गया है। कनाडा के जंगलों में लगी आग का असर उसके दस प्रांतों और उसके आसपास के सभी शहरों तक साफ-साफ देखा जा रहा है। आग की लपटें सबकुछ तबाह कर देने पर आपदा हैं। आग बहुत ही भयावह तरीके से फैल रही है। कनाडा में आई इस आपदा से इतना बड़ा खतरा पैदा हो चुका है कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका समेत कई देशों के हजार से ज्यादा दमकलकर्मी इस आग को बुझाने के लिए कनाडा पहुंचे। कनाडा में 414 जगह जंगलों में आग लगी हुई है जिसमें 249 जगहों पर स्थिति बेकाबू है। इस आग से 33 हजार स्कावयर किलोमीटर का इलाका जल चुका है।

मोटी धुंध की चादर से ढक गया न्यूयॉर्क

आग भले ही कनाडा के जंगलों में लगी है, लेकिन इसका धुआं आस पास के देशों में फैल रहा है। पूरे कनाडा में फैली जंगल की आग से निकलने वाले धुएँ ने न्यूयॉर्क शहर की श्वेत तस्वीर को एक मोटी धुंध की चादर से ढक दिया है। स्विस वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी IQAir के अनुसार, बुधवार की सुबह, न्यूयॉर्क शहर 100 ट्रैक किए गए देशों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता और प्रदूषण के मामले में नई दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर था। गुरुवार को खराब हवा असर एक बार फिर से देखने को मिला। न्यूयार्क में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा हो गया है कि स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी धुंएं से ढक गई है। कई देशों में हाई रिस्क अलर्ट जारी किया गया है और मास्क को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

कई देश मिलकर आग बुझाने में लगे

कनाडा का बहुत बड़ा भाग जंगल है और इन जंगलों में लगती आग कनाडा के लिए मुसीबत लेकर आती है। अगर ये कहे कि जलवायु परिवर्तन का असर कनाडा पर साफ साफ दिख रहा है तो गलत नहीं होगा। कनाडा में जंगल की आग को बाढ़ के बाद दूसरी सबसे बड़ी आपदा माना जाता है। इसलिए इसको देखते हुए एक अलग विभाग भी काम करता है जो कनाडा के जंगलों में हर वर्ष लगने वाली आग की निगरानी करता है। कनाडा सरकार हर साल 812 हजार करोड़ रुपए आग को बुझाने के लिए खर्च करती है।

जंगलों में आग लगती कैसे है?

कनाडा में जंगल की आग को बाढ़ के बाद सबसे बड़ी आपदा माना जाता है। जंगल की आग से हर साल 4 मिलियन स्कवायर किलोमीटर का इलाका जल जाता है। आग जलने के लिए हीट, ईंधन और ऑक्सीजन जरूरी होते हैं। जंगल में ऑक्सीजन हवा में ही मौजूद होती है। पेड़ों की सूखी टहनियां और पत्ते ईंधन का काम करते हैं। वहीं एक छोटी सी चिंगारी हीट का काम कर सकती है। पेड़ों की पत्तियां और सूखे टहनी ईंधन का काम करते हैं। जिनके जलने से आग तेजी से फैलती है। इसके अलावा आसमान से बिजली गिरने, ज्वालामुखी और कोयले की जलने की वजह से आग लगती है।

जलवायु परिवर्तन का असर

असामान्य रूप से गर्म, शुष्क मौसम जो थमने का नाम नहीं ले रहा। जिसका असर इन जंगलों की आग के रूप में देखने को मिल रहा है। कोलोराडो विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान में अनुसंधान के लिए सहकारी संस्थान के एक मॉडलिंग विशेषज्ञ एरिक जेम्स ने कहा कि कनाडा के अधिकांश हिस्सों में रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई। फरवरी के मध्य से मई के मध्य में कनाडा के अधिकांश हिस्सों में 50 से 75 प्रतिशत तक कम बारिश हुई। तापमान सामान्य से 3 से 6 डिग्री अधिक रहा। जून में भी कनाडा में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है। बढ़ता तापमान और घटकी बारिश की वजह से भी कनाडा में आग की घटनाएं इस वर्ष बढ़ी है।

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