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पेगासस जासूसी मामला आईटी समिति के लिए ‘सबसे अहम’, अधिकारियों से होंगे सवाल: थरूर

पेगासस जासूसी मामला आईटी समिति के लिए ‘सबसे अहम’, अधिकारियों से होंगे सवाल: थरूर

नयी दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सूचना व प्रौद्योगिक संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने मंगलवार को कहा किसमिति अपनी बैठक में राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन कथित तौर पर पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए टैप करने के मामले में सरकारी अधिकारियों से सवाल पूछेगी। उन्होंने कहा कि समिति के कई सदस्यों के लिए यह ‘‘सबसे अहम’’ मामला है। बत्तीस-सदस्यीय इस समिति की बैठक बुधवार को होने वाली है। इसके मद्देनजर लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में बताया गया है कि समिति की बैठक का मुद्दा ‘‘नागरिकों के आंकड़ों की सुरक्षा और उसकी गोपनीयता’’ है।

समिति द्वारा बैठक में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ ही गृह मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाया गया है। इस समिति के अधिकतर सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं। पिछले सप्ताह कुछ मीडिया संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की कथित निगरानी की गयी। इसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद पटेल ओर अश्विनी वैष्णव और 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा अनेक कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे। सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है।

थरूर ने बैठक से एक दिन पहले पीटीआई-से कहा, ‘‘नागरिकों की आंकड़ों की सुरक्षा और उसकी गोपनीयता के विषय को समिति की मंजूरी मिली हुई है। इसी के तहत पिछले साल नवंबर-दिसंबर में पेगासस मामले पर भी चर्चा हुई थी। इसलिए यह जारी रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्य सवाल भी रहेंगे। जरूर नहीं की सभी पेगासस से ही संबंधित हों। लेकिन हम जैसे समिति के कई अन्य सदस्यों के लिए यह सबसे अहम मुद्दा है।’’ उल्लेखनीय है कि पेगासस विवाद को लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ है। मानसून सत्र का पहला सप्ताह इसी मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ गया। सोमवार और मंगलवार को भी पेगासस सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षीसदस्यों के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। थरूर ने कहा, ‘‘संसद की कार्यवाही इसी वजह से (पेगासस) नहीं हो पा रही है। लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं और निश्चित तौर पर हम इस बारे में समिति की बैठक में शामिल होने वाले अधिकारियो से सवाल करेंगे…हम देखना चाहेंगे उनका क्या जवाब होता है।’’

गौरतलब है कि सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए संसद में दिये गये बयान में कहा था कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं। संसद के दोनों सदनों स्वत: आधार पर दिये गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।

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