Karnataka: अमित शाह ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण खत्म करने को ठहराया सही, बोले- संविधान धर्म के आधार पर…
Karnataka: अमित शाह ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण खत्म करने को ठहराया सही, बोले- संविधान धर्म के आधार पर...

मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में सियासत तेज है। राज्य के दो प्रभावशाली समुदायों लिंगायत और वोक्कालिगा को लुभाने की कोशिश राजनीतिक दलों की ओर से जारी है। गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार भाजपा के लिए राज्य में प्रचार कर रहे हैं। राज्य में फिलहाल आरक्षण का मुद्दा भी गर्म है। शाह ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के 2बी श्रेणी में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने के फैसले को भी सही ठहराया। अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि हमने आरक्षण के अंदर बड़ा बदलाव किया। संविधान धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण की अनुमति नहीं देता।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक प्राप्त करने के लिए मुस्लिम आरक्षण दिया था, भाजपा की सरकार ने 4% मुस्लिम आरक्षण को खत्म करके लिंगायत और दलित समाज और सभी के आरक्षण में बढ़ोत्तरी की। कर्नाटक में बसवराज बोम्मई नीत सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म करने का फैसला किया था। कर्नाटक सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के मुसलमानों के लिए चार फीसदी कोटा समाप्त करते हुए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की दो नयी श्रेणियों की घोषणा की थी। ओबीसी मुसलमानों के चार फीसदी कोटे को वोक्कलिगा और लिंगायत समुदायों के बीच बांट दिया गया है। यही नहीं, आरक्षण के लिए पात्र मुसलमानों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के तहत वर्गीकृत कर दिया गया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर मुस्लिम आरक्षण को बहाल करने के वादे पर शाह ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि वह सरकार बनाने पर किस समुदाय का आरक्षण खत्म करेंगे। मंत्री ने पूछा कि मुसलमानों का चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करने के लिए किस का आरक्षण खत्म किया जाएगा? क्या वे वोक्कालिगा या लिंगायत, दलित, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग होगा? शाह का यह बयान ऐसे दिन आया है, जब उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि कर्नाटक सरकार का मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण खत्म करने का फैसला नौ मई तक लागू नहीं होगा।