शुकतीर्थ आर्य महिला वृद्ध आश्रम में साध्वी कांता बहन को सम्मानित करते आचार्य गुरुदत्त आर्य।
शुकतीर्थ आर्य महिला वृद्ध आश्रम में साध्वी कांता बहन को सम्मानित करते आचार्य गुरुदत्त आर्य।

फोटो समाचार
सदाचरण के बिना धर्म निरर्थक है : गुरुदत्त आर्य
-शुकतीर्थ आर्य महिला वृद्ध आश्रम का वार्षिकोत्सव संपन्न
मोरना : तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित आर्य महिला वृद्ध आश्रम के वार्षिकोत्सव पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें अनेक लोगों ने मंत्रोचारण के बीच आहूति दी। इस दौरान वृद्धाश्रम संचालिका साध्वी कांता बहन के प्रयासों की प्रशंसा की तथा उन्हें शॉल और सम्मान राशि भेंट कर सम्मानित किया। समापन पर वैदिक संस्कार चेतना अभियान के संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि माता-पिता के त्याग, पुरुषार्थ और आशीर्वाद से परिवार बनते है। जब भी संतान पर कोई विपत्ति आती है, अभिभावक सबसे बड़ा सहारा बनते है। वृद्धावस्था में माता-पिता से स्नेह और शिष्टता का व्यवहार करें। उन्हीं की सेवा और चरणों में तीर्थ दर्शन है। सदाचरण के बिना धर्म निरर्थक है। अपने कैरियर और पैसे को इतना महत्व मत दीजिए। जिससे माता-पिता वृद्धाश्रमों में जीवन काटने को विवश हो जाए। आचार्य ने वृद्धाश्रम संचालिका साध्वी कांता बहन के प्रयासों की प्रशंसा की तथा उन्हें शॉल और सम्मान राशि भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम को गुरुकुल आश्रम के संस्थापक स्वामी आंनदवेश महाराज, स्वामी भजनानंद महाराज ने भाी संबोधित किया। भजनोपदेशक राजवीर आर्य ने देशभक्ति भजन प्रस्तुत किए। मुख्य यजमान जितेंद्र आर्य रहे। कार्यक्रम में जनेश्वर प्रसाद आर्य, मंगत सिंह आर्य, सुधीर कुमार, श्रीकृष्ण आर्य, हरबीर आर्य, सुषमा, संध्या, ममता, सूरजवती, डा. शीला डागा आदि मौजूद रही।
शुकतीर्थ आर्य महिला वृद्ध आश्रम में साध्वी कांता बहन को सम्मानित करते आचार्य गुरुदत्त आर्य।