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हिस्ट्रीशीटर बेटे की मां ने परेशान होकर खाया जहर, अस्पताल में इलाज के दौरान मौत

हिस्ट्रीशीटर बेटे की मां ने परेशान होकर खाया जहर, अस्पताल में इलाज के दौरान मौत

राजस्थान के राजसमंद में स्थानीय भू-व्यवसायी को अगवा करने वाले आरोपी और हिस्ट्रीशीटर दीपक से मिलने के बाद उसकी मां ने जहर खाकर जान दे दी है। हिस्ट्रीशीटर दीपक की मां ने पांच फरवरी को दम तोड़ा। पोस्टमार्टम के बाद उसका शव केलवा थाना पुलिस ने परिवजनों को शव सौंप दिया है।

जानकारी के मुताबिक चीरवा निवासी गीता देवी (50) पत्नी प्रेमशंकर मेनारिया अपने हिस्ट्रीशीटर बेटे दीपक से मिलने के लिए अस्पताल पहुंची थी। वो अपने बेटे की हरकतों से बेहद आहत हो गई थी। चार फरवरी की सुबह 11 बजे घर से निकलने के बाद 12 बजे उसने बेटे से अस्पताल में मुलाकात की और उससे 30 मिनट तक बातचीत की। इसके बाद बस में बैठकर सोमनाथ चौराहा पहुंची और यहां उसकी तबियत खराब हो गई। उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक मृतका ने खुद अपने परिवार को बताया था कि उसने विशैला पदार्थ खाया है। मौत के बाद पुलिस ने शव को एमबी हॉस्पिटल पहुंचाया। यहां पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।

जानकारी के मुताबिक बेटे को पुलिस की हिरासत में देखकर मां काफी दुखी थी। बेटे के अपराधी होने से परेशान होकर मां घर से ही मौत को गले लगाने का विचार कर निकली थी। अपनी जान देने से पहले आरोपी दीपक की मां ने बेटे से मुलाकात की। इसके बाद विषाक्त पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी।

बता दें कि हिस्ट्रीशीटर दीपक पर आरोप है कि उनसे एक व्यापारी का अपहरण किया था। वो जिले का घोषित अपराधी है। उदयपुर पुलिस ने दीपक को उसके साथी किशन के साथ मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था। दोनों ही आरोपी व्यवसायी किशन रेबारी का अपहरण कर भाग रहे थे। इसी बीच पुलिस ने मुठभेड़ को अंजाम दिया। इस मुठभेड़ में दोनों ही गंभीर रूप से घायल हुए थे जिसके बाद दोनों का इलाज राजसमंद के जिला अस्पताल में किया जा रहा है। गौरतलबै है कि दीपक और किशन के खिलाफ उदयपुर जिले के कई थानों में मामले दर्ज है। दोनों पर अपहरण, फिरौली, धमकी देने और मारपीट आदि के 41 मामले दर्ज है। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस लंबे समय से दबिश दे रही थी।

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