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Pakistan Crisis: क्यों न हो पाकिस्तान कंगाल? इमरान खान ने PM रहते हेलीकॉप्टर की सवारी पर खर्च किए 100 करोड़ रुपए

Pakistan Crisis: क्यों न हो पाकिस्तान कंगाल? इमरान खान ने PM रहते हेलीकॉप्टर की सवारी पर खर्च किए 100 करोड़ रुपए

एक कहावत तो आपने खूब सुनी होगी कि कंगाली में आटा गीला, ये सिर्फ और सिर्फ एक मुल्क की नीयती बन चुका है। पाकिस्तान की आर्थिक तंगी किसी भी मुल्क से छुपी नहीं है। वो खैरात का कटोरा लेकर कभी अरब देशों तो कभी पश्चिमी देशों से मदद की गुहार लगाता फिर रहा है। वहीं देश में भारी अनाज संकट से लेकर बिजली गुल होने तक की नौबत आ चुकी है। वहीं पाकिस्तान की मौजूदा और पूर्व सरकार यानी शहबाज शरीफ व इमरान खान के बीच जुबानी हमले और आरोप-प्रत्यारोप भी जारी हैं। दोनों एक दूसरे को लेकर कई खुलासे कर रहे हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के चीफ इमरान खान को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है।

‘उड़ान’ पर खर्च हुए 100 करोड़ रुपए

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की हेलीकॉप्टर यात्रा पर राष्ट्रीय खजाने पर 1 अरब रुपये का खर्च आया है। पाकिस्तान के पूर्व पीएम अपने पद पर रहते हुए हेलीकॉप्टर की सवारी के लिए जांच के दायरे में आ गए हैं। द नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक खर्च का ब्योरा पाकिस्तानी सीनेट के सामने पेश किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर 2019 से 2021 तक की गई यात्राओं के दौरान खान की वीवीआईपी हेलीकॉप्टर उड़ानों की कीमत लगभग 1 बिलियन रुपये थी।

कोषागार से जुटाई गई 434.43 करोड़ रुपये की राशि

सरकार ने उच्च सदन में एक लिखित जवाब में कहा कि 6 एविएशन स्क्वाड्रन द्वारा वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मिशन पर 946.3 मिलियन रुपये की राशि खर्च की गई थी जब इमरान खान प्रधान मंत्री थे। इससे पहले सरकार ने पाकिस्तान की संसद को भी सूचित किया था कि 2019 से मार्च 2022 तक, खान ने इस्लामाबाद में अपने बानी गाला निवास से पीएम हाउस तक 1,579.8 घंटे आने-जाने के लिए आधिकारिक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। इन यात्राओं के दौरान कोषागार से 434.43 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई।

अर्थव्यवस्था आर्थिक अराजकता के कगार पर

पाकिस्तानी सरकार ने आगे कहा कि 2008 से पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा शिविर कार्यालयों पर आधिकारिक धन से कुल 26 मिलियन रुपये खर्च किए गए थे। डॉन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हेलीकॉप्टर का उपयोग लगभग चार वर्षों में कुल 1,579.8 घंटों की उड़ान के लिए किया गया, जिसकी औसत लागत 275,000 रुपये प्रति घंटा थी। ये दावे ऐसे समय में आए हैं जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आर्थिक अराजकता के कगार पर है और देश भारी कर्ज में डूबा हुआ है। इमरान खान अन्य देशों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों को अवैध रूप से बेचने के लिए भी जांच का सामना कर रहे हैं। आधिकारिक यात्राओं के दौरान खान को अरब शासकों से महंगे उपहार मिले थे जो राज्य के भंडार में जमा किए गए थे।

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