राष्ट्रीय

आपराधिक मुकदमों पर मंत्रियों और बड़े पद पर बैठे लोगों की बेतुकी बयानबाज़ी पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का अहम फैसला

आपराधिक मुकदमों पर मंत्रियों और बड़े पद पर बैठे लोगों की बेतुकी बयानबाज़ी पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का अहम फैसला

मंत्री का बयान सरकार का बयान नहीं कहा जा सकता.

बोलने की आज़ादी पर रोक नहीं लगा सकते.

अगर मंत्री के बयान से केस पर असर पड़ा हो, तो कानून का सहारा लिया जा सकता है.

30 जुलाई 2016 को यूपी के बुलंदशहर में हाइवे पर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार मामले में यूपी के तत्कालीन मंत्री आज़म खान की हल्के बयान के बाद शुरू हुआ था मामला.

आज़म ने पीड़िता से माफी मांगी थी, लेकिन मंत्रियों के बयानों पर रोक का मामला लंबित रहा

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