Parliament Diary: समय से पहले ही खत्म हुआ संसद का शीतकालीन सत्र, पहले 29 दिसंबर तक प्रस्तावित थी कार्यवाही
Parliament Diary: समय से पहले ही खत्म हुआ संसद का शीतकालीन सत्र, पहले 29 दिसंबर तक प्रस्तावित थी कार्यवाही

Parliament Diary: समय से पहले ही खत्म हुआ संसद का शीतकालीन सत्र, पहले 29 दिसंबर तक प्रस्तावित थी कार्यवाही
Parliament Diary: समय से पहले ही खत्म हुआ संसद का शीतकालीन सत्र, पहले 29 दिसंबर तक प्रस्तावित थी कार्यवाही
संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। हालांकि, संसद का शीतकालीन सत्र पहले 29 दिसंबर तक प्रस्तावित था। लेकिन आज 23 दिसंबर शुक्रवार को ही संसद का शीतकालीन सत्र स्थगित कर दिया गया। दोनों सदनों में इस शीतकालीन सत्र के दौरान कई बड़े काम हुए हैं। हालांकि, हो-हल्ला की भी स्थिति उत्पन्न हुई थी। लोकसभा की बात करें तो इसकी कार्य उत्पादकता लगभग 97% रही। लोकसभा की 13 बैठकों में 68 घंटे 42 मिनट तक कामकाज हुआ है। वहीं, राज्यसभा में 102% कामकाज हुआ। अपने संबोधन में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उच्च सदन में 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित हुआ था जबकि यह 64 घंटे 50 मिनट तक चला है। दोनों ही सदनों में महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की गई और कई को पारित किया गया।
हालांकि, संसद के शीतकालीन सत्र में चीन के मुद्दे को लेकर विपक्ष जबरदस्त तरीके से सरकार पर हमलावर रहा। तवांग में 9 दिसंबर को चीन के साथ हुई थी। झड़प को लेकर विपक्ष लगातार चर्चा की मांग कर रहा था। हालांकि, चर्चा नहीं हो सकी। दूसरी ओर संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के मुद्दे पर साफ तौर पर कहा था कि चीनी सेना एलएसी पर एकतरफा स्थिति को बदलने की कोशिश कर रही थी। भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ भेजा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सत्र में नव निर्वाचित सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने शपथ ली।
इस दौरान लोकसभा ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 3.25 लाख करोड़ रुपये की अनुदान की अनुपूरक मांगों और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों को मंजूरी दी। इस पर 10 घंटे 53 मिनट चर्चा हुई। सत्र के दौरान 9 सरकारी विधेयक पेश किये गए और सात विधेयक को सदन ने पारित किया। इसके अलावा, सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 374 विषय उठाये। साथ ही नियम 377 के तहत सदस्यों ने 298 मुद्दे उठाये। सत्र में स्थायी समितियों के 36 प्रतिवेदन रखे गए और मंत्रियों ने महत्वपूर्ण विषयों पर 23 वक्तव्य रखे। अध्यक्ष ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान 56 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए। लोकसभा में तमिलनाडु की दो जनजातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में डालने के प्रावधान वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी दी गई। इसमें तमिलनाडु की नारीकोरवन और कुरुविक्करन पहाड़ी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रावधान है। ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’को भी सदन ने मंजूरी दे दी, जिसमें हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, सदन ने ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी दी जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित 12 समुदायों को जनजातीय सूची में शामिल करने का प्रावधान है। साथ ही,‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी मिली जिसमें कर्नाटक की दो आदिवासी जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में लाने का प्रावधान है। निचले सदन ने समुद्री मार्ग पर जहाजों को लूटने वाले दस्युओं पर शिकंजा कसने और महासागरों के माध्यम से व्यापार को प्रभावी एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत ‘समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022’ को भी मंजूरी दी।
राज्यसभा के कामकाज
सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा कर पारित किया गया और कई जरूरी मामलों पर सदन में चर्चा हुई। सत्र के दौरान धनखड़ ने बतौर सभापति पहली बार सदन की कार्यवाही का संचालन किया। राज्यसभा में तमिलनाडु तथा कुछ अन्य राज्यों की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में डालने संबंधी विधेयकों, समुद्री मार्ग पर जहाजों को लूटने वाले दस्युओं पर शिकंजा कसने और महासागरों के माध्यम से व्यापार को प्रभावी एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत ‘समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022’ को भी मंजूरी दी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड महामारी के संबंध में बयान दिया। सत्र के दौरान उच्च सदन ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों को चर्चा कर लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी थी।