व्रत त्योहार

काल भैरव जयंती पर ये उपाय करने से होंगे सभी दोष दूर, होंगे भगवान प्रसन्न

काल भैरव जयंती पर ये उपाय करने से होंगे सभी दोष दूर, होंगे भगवान प्रसन्न

» काल भैरव जयंती पर ये उपाय करने से होंगे सभी दोष दूर, होंगे भगवान प्रसन्न
काल भैरव जयंती पर ये उपाय करने से होंगे सभी दोष दूर, होंगे भगवान प्रसन्न
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव की जन्मतिथि के रूप में मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 16 नवंबर 2022 को मनाया जाएगा. ऐसे में भगवान शिव के रौद्र अवतार यानी काल भैरव को खुश करने के लिए ये उपाय हैं कारगर.

काल भैरव जयंती पर ये उपाय करने से होंगे सभी दोष दूर, होंगे भगवान प्रसन्नकाल भैरव को प्रसन्न करने के उपाय

भगवान काल भैरव को शिव जी का रौद्र रूप माना जाता है. सनातन परंपरा में भैरव की पूजा का विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि काल भैरव की पूजा से व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भय नहीं सताता है. उनकी पूजा से इंसान के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. भैरव जयंती को काल भैरव अष्टमी, कालाष्टमी जैसे नामों से भी जाना जाता है. यदि आपके जीवन में शनि, राहु जैसे ग्रहों का प्रकोप है तो भैरव की पूजा अवश्य करें. माना जाता है कि उससे आप के सभी दोष दूर हो जाते हैं. आइए जानें भगवान भैरव की पूजा से जुड़े कुछ उपाय ..

काल भैरव जयंती के दिन भैरव जी के मंदिर जाकर विधि-विधान से पूजा अवश्य करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपको उत्तम फल की प्राप्ति होती है. इस दिन भैरवनाथ जी के सामने दीप भी जलाना चाहिए. ऐसा करना से भगवान महाकाल अपने भक्तों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते हैं.

भगवान भैरव जिन्हें काशी के कोतवाल के नाम से भी जाना जाता है, उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूजा के वक्त उन्हें पुष्प, फल, नारियल, पान, सिंदूर आदि चढ़ाना चाहिए.
जो लोग दांपत्य जीवन में हैं उनको सुख-समृद्धि के लिए काल भैरव की पूजा अवश्य करनी चाहिए. इसके लिए कोशिश करें कि भैरव जी की जन्मतिथि के दिन शाम के समय, शमी वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं. ऐसा करने से रिशतों में प्रेम और बढ़ता है.
भगवान भैरव की कृपा पाने के लिए उनके मंत्र ॐ काल भैरवाय नमः और ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय, कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा का जाप करें. मान्यता है कि भगवान भैरव की पूजा में उनके यंत्र का भी बहुत महत्व है. ऐसे में विधि-विधान से श्री भैरव यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करवाएं.

क्योंकि काल भैरव देवों के देव महादेव के ही रूप हैं, इसलिए इस दिन शिवलिंग की पूजा करना भी शुभ माना गाया है. ऐसे में भोलेनाथ की पूजा के वक्त 21 बेल पत्रों पर चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं.
(

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!