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गडकरी ने कहा, देश आर्थिक सुधारों के लिए मनमोहन सिंह का ऋणी

गडकरी ने कहा, देश आर्थिक सुधारों के लिए मनमोहन सिंह का ऋणी

गडकरी ने कहा, देश आर्थिक सुधारों के लिए मनमोहन सिंह का ऋणी

उन्होंने पोर्टल ‘टैक्सइंडियाऑनलाइन’ की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘उदार अर्थव्यवस्था के कारण देश को नई दिशा मिली। उसके लिए देश मनमोहन सिंह का ऋणी है।’ गडकरी ने मनमोहन की नीतियों से नब्बे के दशक में महाराष्ट्र की सड़कों के लिए पैसे जुटाने में मिली मदद का भी जिक्र किया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आर्थिक सुधारों के जरिये देश को नई दिशा देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंगलवार को प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके लिए देश उनका ऋणी है। गडकरी ने यहां आयोजित ‘टीआईओएल पुरस्कार 2022’ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों ने भारत को एक नई दिशा दिखाने का काम किया।

उन्होंने पोर्टल ‘टैक्सइंडियाऑनलाइन’ की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘उदार अर्थव्यवस्था के कारण देश को नई दिशा मिली। उसके लिए देश मनमोहन सिंह का ऋणी है।’’ गडकरी ने मनमोहन की नीतियों से नब्बे के दशक में महाराष्ट्र की सड़कों के लिए पैसे जुटाने में मिली मदद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की तरफ से शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की वजह से वह महाराष्ट्र का मंत्री रहने के दौरान इन सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटा पाए थे।

गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को एक उदार आर्थिक नीति की जरूरत है जिसमें गरीबों को भी लाभ पहुंचाने की मंशा हो। उन्होंने कहा कि उदार आर्थिक नीति किसानों एवं गरीबों के लिए है। उन्होंने उदार आर्थिक नीति के माध्यम से देश का विकास करने में चीन को एक अच्छा उदाहरण बताया। गडकरी ने भारत के संदर्भ में कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए देश को अधिक पूंजीगत निवेश की जरूरत होगी।

उन्होंने अपने मंत्रालय की तरफ से देशभर में किए जा रहे 26 एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें उन्हें पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राजमार्गों के निर्माण के लिए आम आदमी से भी पैसे जुटा रहा है। गडकरी के मुताबिक, 2024 के अंत तक एनएचएआई का टोल से मिलने वाला राजस्व बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा जो फिलहाल 40,000 करोड़ रुपये सालाना है।

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