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मोदी ने कहा- भारत ने युद्ध को पहला नहीं बल्कि आखिरी विकल्प माना है, हम शांति में विश्वास रखते हैं

मोदी ने कहा- भारत ने युद्ध को पहला नहीं बल्कि आखिरी विकल्प माना है, हम शांति में विश्वास रखते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत शांति का समर्थन करता है और इसने हमेशा युद्ध को पहला नहीं बल्कि अंतिम विकल्प माना है, लेकिन भारत के सशस्त्र बलों के पास देश पर बुरी नजर रखने वाले को उचित जवाब देने की ताकत और रणनीति है। मोदी ने दिवाली पर यहां सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत युद्ध के खिलाफ है। हालांकि उन्होंने शांति सुनिश्चित करने के लिए ताकत की आवश्यकता को भी रेखांकित किया और कहा कि भारत की बढ़ती ताकत दुनिया में शांति एवं समृद्धि की संभावना को बढ़ाती है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, जो एक “संतुलन कायम करने वाली ताकत” है। प्रधानमंत्री ने 1999 में हुए करगिल युद्ध में पाकिस्तानी बलों को खदेड़ने वाले सशस्त्र बलों की वीरता के गवाह रहे इस स्थान पर सैनिकों से कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, जो “संतुलन कायम करने वाली” एक ताकत है। मोदी ने रामायण और महाभारत के महाकाव्यों का हवाला देते हुए कहा कि भारत की परंपरा युद्ध से दूर रहने की रही है, फिर चाहे वह लंका में हो या कुरुक्षेत्र में। भारत दुनियाभर में शांति का समर्थन करता है।

प्रधान मंत्री ने अर्थव्यवस्था और विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक देश तभी सुरक्षित रह सकता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो और आत्मविश्वास से भरा समाज हो। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल भारत की सुरक्षा के स्तंभ हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पिछले सात-आठ साल के दौरान 10वीं से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है।

उन्होंने80,000 से अधिक ‘स्टार्टअप्स’ की शुरुआत और इसरो के 36 उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित करने के रिकॉर्ड के रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए कहा कि ये कीर्तिमानसैनिकों को गर्व से भर देते हैं। उन्होंने कहा कि तिरंगे ने यूक्रेन युद्ध में भारतीयों के लिए सुरक्षा कवच का काम किया। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की कमियों को दूर करने का काम किया है, जिन्होंने भारत की क्षमताओं और विकास को सीमित कर दिया था।

मोदी ने पाकिस्तान से हुए युद्ध में करगिल की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है जब करगिल ने विजय पताका नहीं फहराया है।’’ उन्होंने कहा कि दिवाली ‘‘आतंक के अंत के उत्सव’’ का प्रतीक है। मोदी ने कहा, ‘‘मैंने करगिल युद्ध को करीब से देखा है। यह मेरा कर्तव्य था जो मुझे उस समय करगिल ले आया था। उस समय की कई यादें हैं जब जीत की आवाज चारों ओर गूंज रही थी।’’

उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में, सरकार ने नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और बलों में महिलाओं को शामिल कर सशस्त्र बलों में सुधारों को लागू करने पर काम किया है। मोदी ने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों में महिलाओं के शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में दशकों से सुधार की जरूरत थी, जिन्हें अब लागू किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि भारत अपने बाहरी और आंतरिक दोनों तरह के दुश्मनों से पूरी ताकत के साथ निपट रहा है।

उन्होंने देश के भीतर से ‘आतंकवाद, नक्सलवाद और चरमपंथ’ को ‘उखाड़ने’ के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी भी युद्ध को पहले विकल्प के रूप में नहीं देखा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है। हम वैश्विक शांति के पक्ष में हैं। लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति हासिल नहीं की जा सकती।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे सशस्त्र बलों के पास रणनीति के साथ-साथ ताकत भी है। अगर कोई हम पर बुरी नजर डालने की हिम्मत करता है, तो हमारे तीनों सशस्त्र बल अच्छी तरह से जानते हैं कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, ‘‘राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ बहुत महत्वपूर्ण है और विदेशी हथियारों तथा प्रणालियों पर हमारी निर्भरता कम से कम होनी चाहिए।’’ मोदी 2014 में सत्ता में आने के बाद से दिवाली मनाने के लिए विभिन्न सैन्य केंद्रों का दौरा करते रहे हैं।

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